“कमल ही सिलेंडर है” और यही सिलेंडर 2014 में ₹400 प्रति सिलेंडर था जो कुछ दिनों पहले तक 1140 रुपए था…
जमशेदपुर पूूूूूूूूू पश्चिम की जनता—-👊👊👊👊👊
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में बहुत कुछ हैरतअंगेज चीजें देखने को मिल रही हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से बागी होकर जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले सरयू राय 2024 के चुनाव में अपने पुराने क्षेत्र जमशेदपुर पश्चिम को लौट आए हैं।
जमशेदपुर पूर्वी में भाजपा संगठन को दो फाड़कर अपनी राजनीति की आग को ईंधन देने वाले सरयू राय काफी पहले जमशेदपुर पूर्वी की जनता का मूड भांप चुके थे।
2 वर्ष पहले छठ पूजा के समय रघुवर दास समर्थकों ने सरयू राय समर्थकों को बुरी तरह दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था। सरयू राय को उसी वक्त आभास हो गया था अगर वह 2024 में भी जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ते हैं तो उनका राजनीतिक सफर खत्म हो सकता है।
जबरदस्त तरीके से गुलाटी मारते हुए सरयू राय इस बार जेडीयू के टिकट पर जमशेदपुर पश्चिम से चुनावी समर में है, और भारतीय जनता पार्टी को राजनीतिक मजबूरी के कारण गठबंधन के तहत जमशेदपुर पश्चिम की सीट सरयू राय के लिए छोड़नी पड़ी है।
झारखंड में जदयू चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड नहीं है और इसी कारण जदयू को चुनाव चिन्ह के रूप में सिलेंडर छाप आवंटित हुआ है। इसी के बाद मतदाताओं के बीच कंम्पेन किया गया कि सिलेंडर ही कमल है और कमल ही सिलेंडर है।
दरअसल नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का केंद्र सरकार में मोदी सरकार को समर्थन है और इस समर्थन के कारण भाजपा नेतृत्व जदयू के सामने घुटने पर बैठ गया और आत्म समर्पण की पराकाष्ठा देखिए की बाकायदा कंपेन चलाया गया कि सिलेंडर ही कमल है। हाल फिलहाल भाजपा की ऐसी दुर्गति देखने का यह दुर्लभ मामला है। जमशेदपुर पश्चिम के मतदाताओं से बात करने पर उन्होंने साफ कहा कि सिलेंडर कमल कैसे हो सकता है?
और अगर ऐसा है तो क्या यह वही सिलेंडर है जो 2014 तक ₹400 था और चुनावी घोषणा के कुछ महीने पहले तक 1140 रुपए तक मिल रहा था। सिलेंडर के मूल्य में इस अप्रत्याशित और मनमानीपूर्ण मूल्य वृद्धि के कारण मध्यम वर्ग खून के आंसू रो रहा था, और पानी पी पी कर केंद्र सरकार को कोस रहा था। मध्यम वर्ग के घरेलू बजट में आग लगाने वाले सिलेंडर से इस बार जमशेद पश्चिम की जनता पूरा हिसाब चुकता करने के मूड में है, और ऐसी प्रबल संभावना नजर आ रही है कि इस बार सिलेंडर छाप प्रत्याशी सरयू राय को जमशेदपुर पश्चिम की जनता अपना कठोर निर्णय सुना सकती है।
और सिलेंडर के नाम पर घरों के रसोई में आग लगाने वालों को भागने पर मजबूर कर सकती है।
