राइट टू एजुकेशन को संघर्ष कर डॉ उमेश कुमार ने कराया लागू, आगे भी संघर्ष जारी रखेंगे….

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राइट टू एजुकेशन को संघर्ष कर डॉ उमेश कुमार ने कराया लागू, आगे भी संघर्ष जारी रखेंगे

जमशेदपुर : जमशेदपुर पश्चिम से निर्दलीय उम्मीदवार डॉ उमेश कुमार काफी जुझारू हैं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में जमशेदपुर में काफी काम किया है। डॉक्टर उमेश कुमार ही वह शख्स हैं जिन्होंने जमशेदपुर के निजी स्कूलों में राइट टू एजुकेशन को लागू कराया। राइट टू एजुकेशन के तहत गरीबों के बच्चों की मुफ्त पढ़ाई होती है। पहले गरीबों के बच्चों का एडमिशन निजी स्कूलों में नहीं हो पाता था। इसकी जानकारी मिलने पर डॉ उमेश कुमार ने इसके लिए लंबा संघर्ष किया। धरना प्रदर्शन किया। उनके लंबे संघर्ष का परिणाम रहा कि राइट टू एजुकेशन को लागू किया गया। आज सभी निजी स्कूलों में यह कानून लागू है और गरीबों के बच्चों की मुफ्त पढ़ाई होती है। अगर कहीं गरीब के बच्चे से फीस मांगी जाती है तो अभिभावक डॉक्टर उमेश कुमार से शिकायत करते हैं और डॉक्टर उमेश कुमार प्रबंधन से लड़ाई लड़कर उस छात्र की फीस माफ कराते हैं। यही नहीं डॉक्टर उमेश कुमार ने बीपीएल आय प्रमाण पत्र को लेकर भी संघर्ष किया। पहले 72000 रुपए सालाना आमदनी वाले अभिभावक का बीपीएल आय प्रमाण पत्र नहीं बनता था। यह डॉक्टर उमेश कुमार ही थे कि उन्होंने इसके लिए डीसी ऑफिस के सामने धरना प्रदर्शन किया। इसके लिए भूख हड़ताल भी की। सरकार में बड़े-बड़े ओहदे पर बैठे अधिकारियों को पत्र लिखा और उसके बाद यहआदेश आया कि 72000 रुपए सालाना आमदनी वाले अभिभावक कभी बीपीएल आय प्रमाण पत्र बनेगा। जब बीपीएल आय प्रमाण पत्र बनने लगा तो उनके बच्चों को राइट टू एजुकेशन के तहत मुफ्त शिक्षा का लाभ भी मिलने लगा। उमेश कुमार एक संघर्षशील उम्मीदवार हैं। उनका कहना है कि वह विधायक बन गए तो जनता के हर सहूलियत के लिए लड़ाई लड़ेंगे।

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