भाजपा को अपने जमीनी और निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर कितना भरोसा? झारखंड लोकसभा के 14 में से 13 प्रत्याशी लोकसभा सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार मैदान में, परंतु इन 13 में से 9 प्रत्याशी दुसरी पार्टियों से आयातित–
सभी 13 में से 9 आयातित प्रत्याशीयों की सुची नीचे दे रहा हूँ—
- दुमका– दुमका लोकसभा सीट से सोरेन परिवार की बड़ी बहु सीता सोरेन भाजपा से उम्मीदवार हैं और ये झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़कर आई हैं।
- ताला मरांडी– राजमहल लोकसभा सीट से ताला मरांडी भाजपा से उम्मीदवार हैं साल 2003 में ये कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए।
- कोडरमा– कोडरमा लोकसभा सीट से अन्नपूर्णा देवी भाजपा से उम्मीदवार हैं और ये राष्ट्रीय जनता दल छोड़कर भाजपा में आई हैं।
- धनबाद– धनबाद लोकसभा सीट से ढुल्लू महतो भाजपा से उम्मीदवार हैं और ये पहले बाघमारा से झारखंड विकास मोर्चा के विधायक रह चुके हैं और झाविमो से भाजपा में आए हैं।
- रांची– रांची लोकसभा सीट से संजय सेठ भाजपा के प्रत्याशी हैं और ये पहले समाजवादी पार्टी में रहते हुए राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष की भुमिका निभा चुके हैं।
- खुंटी– खुंटी लोकसभा क्षेत्र से अर्जुन मुंडा भाजपा के प्रत्याशी हैं और ये पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा में थे।
- हजारीबाग– हजारीबाग लोकसभा सीट से मनीष जायसवाल भाजपा के प्रत्याशी हैं और ये पहले आजसु फिर झाविमो से होते हुए भाजपा में आए हैं।
- पश्चिमी सिंहभूम– पश्चिमी सिंहभूम सीट से गीता कोडा भाजपा से उम्मीदवार हैं और ये कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आई हैं। दरअसल 2019 लोकसभा चुनाव में गीता कोडा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थी।
- जमशेदपुर– जमशेदपुर लोकसभा सीट से विद्युत महतो भाजपा से उम्मीदवार हैं ये पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा में थे। दरअसल ये जमशेदपुर के वोटर भी नहीं हैं और सरायकेला खरसावां जिला अन्तर्गत आदित्यपुर के निवासी हैं।
देखने वाली बात यह होगी की भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं को केवल पार्टी का झंडा ढोने के लिए रखा गया है और पार्टी जिंदाबाद का नारा लगाने के लिए जोडा गया है।
