द्रौपदी को द्रोपदी किस लिए कहा जाता था कि वे राजा द्रुपद की पुत्री थी । उन्हें पांचाली इसलिए कहा जाता था कि राजा द्रुपद पांचाल देश के राजा थे। उनका एक नाम कृष्णा भी था क्योंकि वह भगवान कृष्ण की सखी थी। उनका एक नाम यज्ञ सैनी भी था क्योंकि वे यज्ञ करने के बाद पैदा हुई थी।
और अंत में उसका एक नाम “सैरंध्री” भी था। सैरंध्री का अर्थ होता है पति के अलावा अन्य पुरुषों के साथ रमण करने वाली ,लेकिन यह सच नहीं है । अज्ञातवास के दौरान द्रौपदी ने राजा विराट के यहां उनकी पत्नी के सौंदर्य की देखरेख करने वाली के रूप में काम किया इसलिए उनका नाम सैरंध्री था।
द्रोपदी के पांच पुत्र थे। द्रौपदी ने पांच पांडवों से विवाह किया था। समय-समय पर वह पांचो पतियों के साथ रमण करती थी। द्रौपदी ने एक-एक वर्ष के अंतराल में पांचो पांडवों के एक-एक पुत्र को जन्म दिया। इस तरह द्रोपदी के पांच पुत्र थे।
जानिए द्रोपदी के पुत्र और पांडवों के अन्य पुत्र एवं पत्नियों के नाम……
द्रौपदी से जन्मे युधिष्ठिर के पुत्र का नाम “प्रतिविंध्य” था।
द्रौपदी से जन्मे भीमसेन से उत्पन्न पुत्र का नाम “सुतसोम” था।
द्रौपदी से जन्मे अर्जुन के पुत्र का नाम श्रुतकर्मा था ।
द्रौपदी से जन्मे नकुल के पुत्र का नाम “शतानीक” था।
और द्रौपदी से जन्मे सहदेव के पुत्र का नाम “श्रुतसेन” था।
1. युधिष्ठिर की दुसरी पत्नी का नाम देविका था। देविका से धैधेय नाम का पुत्र जन्मा।
2. अर्जुन की द्रौपदी के अलावा सुभद्रा, उलुपी और चित्रांगदा नाम की तीन पत्नीयां और थीं। सुभद्रा से अभिमन्यु, उलुपी से इरावत और चित्रांगदा से वभ्रुवाहन नामक पुत्र हुए।
3. भीमसेन की द्रौपदी के अलावा हिडिम्बा और बलंधरा नामक दो पत्नीयां और थीं। हिडिम्बा से घटोत्कच और बलंधरा से सर्वग नाम के पुत्र हुए।
4. सहदेव के द्रौपदी के अलावा विजया नाम की दुसरी पत्नी भी थी जिससे सुहोत्र नाम का पुत्र हुआ।
5. नकुल की दुसरी पत्नी का नाम करेणुमती था जिससे निरमित्र नामक पुत्र हुआ।
