मानगो में लगातार हो रहे हत्याओं की कड़ी में कल रात एक और संख्या की बढ़ोतरी दर्ज की गई । राजनीतिक प्रतिस्पर्धा ,राजनीतिक मोहरा और क्रिमिनल डोमिनेशन का शिकार हो गया टोनी सिंह।विधानसभा चुनाव 2024 में सुबे के मंत्री जी के बेहद गरीबी “सिंह” नामधारी के अधीन काम कर रहे टोनी को उसी के सहयोगियों ने आपसी वैमनष्यता और प्रतिस्पर्धा के कारण हत्या कर दी।
जमशेदपुर शहर का मानगो एक मात्र ऐसा क्षेत्र है जहां चार-चार थाने हैं।
1.मानगो थाना
2.आजाद नगर थाना
उलीडीह थाना
एमजीएम थाना
इसके अलावा यातायात थाना और कई टीओपी भी हैं। उसके बावजूद अपराधी पुलिसकर्मियों के नियंत्रण में नहीं हैं।
सभी थानों में जमीन के दलालों का लगा रहता है जमावड़ा और उनकी मनमानी चलती है। सभी थानों में आपसी सांमजस्य की कमी भी साफ झलकती है। शहर का मानगो क्षेत्र अपराधियों के लिए बन चुका है “हल्दीघाटी” क्षेत्र।
अपराधियों के कई ग्रुप सक्रिय हैं ,जिनके बीच प्रायः होती रहती है खुलेआम गैंगवार और आपसी रंजिश में हत्याएं। पुलिस का कोई खौफ अपराधकारियों के मन में नहीं है ।
जब जिसे मारना होता है मार देते हैं। गैंगवार पहले सड़कों पर होती थी, अब अपराधियों का मनोबल अपने उच्चतम शिखर पर है। अपने टारगेट को घर में घुसकर या घर के आसपास घेरकर मार देते हैं। मानगो क्षेत्र के सक्रिय सभी अपराधी गुटों के पास उन्नत और आधुनिक हथियारों का जखीरा है। हथियारों के शहर में प्रवेश को खोजने और रोकने में जिला पुलिस पूरी तरह असफल दिखाई देती है। हत्या के बाद हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी तक सिमट गई है पुलिस की कार्यशाली।
सबसे बड़ी बात यह है कि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है,जो की पुलिसिया कार्यवाही की राह में सबसे बड़ी बाधा है।
हर अपराधिक गुट का कोई न कोई राजनीतिक आका मौजूद है। जो अपनी जरूरत के हिसाब से इनका इस्तेमाल करते हैं। मानगो में अपराध कर 𝙉𝙃 33 की निकटता का फायदा उठाकर अपराधी शहर से बाहर निकलने में कामयाब हो जाते हैं।
जमशेदपुर जिला पुलिस का खुफिया तंत्र, सूचना तंत्र, मुखबिर तंत्र, और गुप्तचर तंत्र को आधुनिक रूप से अपडेट करने की आवश्यकता है ताकि 𝙋𝙧𝙤- 𝙋𝙤𝙡𝙞𝙘𝙞𝙣𝙜 को अंजाम दिया जा सके।
अपराधियों द्वारा अपराध करने के बाद उनके राजनीतिक आकाओं के पैरवीकारों को बेनकाब करने की जरूरत है। हो सके तो कॉल रिकॉर्डिंग जनता के लिए सार्वजनिक करे जमशेदपुर पुलिस।
शहर के हर थानों में हर व्यक्ति के प्रवेश के समय आगंतुक रजिस्टर का प्रयोग अनिवार्य हो और यह सेवा 24 * 7 हो ताकि दलाल और सौदेबाजी करने वालों का सारा डाटा जिला पुलिस के उच्च अधिकारियों के लिए उपलब्ध हो। ताकि थाना स्तर के पुलिसकर्मी उच्च अधिकारियों को गुमराह नहीं कर सके।
हर थाने के रजिस्टर में थाना क्षेत्र के जमीन दलालों की सूची आवास के पते और मोबाइल नंबरों के साथ उपलब्ध हो
