श्री सरयू राय जी अभी भी कह रहे है की dr लाल के कैसे में भले ही कोर्ट ने बरी करं दीया है फिर भी वो दोषी है, तो इस पर हम ये कहते है की क्या माननीय विधायक जी कोर्ट से ऊपर है।
डॉक्टर रेणुका चौधरी जी के कैस में पूरी तरह से तथ्यों को तोड़ मरोड़ के पेश कर रहे है। जो पीरियड में निजी कारण से सर्विस में ब्रेक था उसका कोई वेतन नहीं लिया और जो पीरियड में जमशेदपुर में कार्यरत थी उसका पूरा प्रूफ है और दोबारा जो २१०४ में जांच हुई उसमे सब कुछ क्लियर हुआ और राय जी के ही सरकार जिसमे वो मंत्री थे ने क्लियर किया।
पेंशन pe rok service के ब्रेक वाले पीरियड के लिए रोका गया जिसके कारण डॉक्टर मैडम कोर्ट में गई।
2015 से मैडम का कोई भी लेन देन डिपार्मेंट से नही बचा।
माननीय विधायक जी जान बूझ कर फैक्ट्स को उलझा रहे है।
लिपिक ने आत्महत्या इनका मामला के बहुत साल बाद किया =2022 लेकिन एक साजिश के अंतर्गत वे इसको कनेक्टेड साबित करने में जुटे है।
ओपन चैलेंज है माननीय विधायक जी को पूरे प्रेस और पब्लिक के सामने डिबेट के लिया आ जाए। दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा और लोग इनकी मंशा और साजिश भी समझ जायेंगे।की क्यों सारे विकास के मुद्दे छोड़ के एक महिला चिकित्सक को बेवजह फसाना चाह रहे है| इस बार माननीय विधायक जी का सामना पढ़े लिखे चिकित्सक गण से हो रहा है जो अपना काम निष्ठा से करते है। बेवजह तंग करने और अधूरे जानकारी के बिना पर आप किसी वरिष्ठ चिकिसक का कैरेक्टर असासिनेशन नही कर सकते है..



