JNAC के अधिकारियों की नजरें कमजोर…
बीच सड़क पर निर्माण सामग्री का डंपिंग यार्ड बनाकर हो रहा बहुमंजिला भवन का निर्माण कार्य ….
ऐसा प्रतीत होता है कि जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के अधिकारियों की नजरें कमजोर हो रही हैं। साकची स्थित मानसरोवर होटल से थोड़ा आगे एक बहुमंजिला भवन का निर्माण कार्य हो रहा है ।
(अब यह तो JNAC के अधिकारी ही बताएंगे कि क्या यह निर्माण कार्य विधि सम्मत और सारे नियमों का पालन कर हो रहा है या फिर आपसी सहमति से, जिसमें कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लेनदेन का मामला है) इस निर्माण कार्य से संबंधित सारे निर्माण सामग्रियों का भंडारण सड़क पर ही रख कर किया जा रहा है। और आश्चर्यजनक रूप से जेएनएसी के नजरें इस पर नहीं पड़ रही हैं। या फिर ऐसा भी हो सकता है कि जेएनएसी के अधिकारियों और भवन निर्माता के बीच व्यक्तिगत तौर पर घनिष्ठ और मधुर संबंध हों। निर्माण सामग्रियों के इस तरह सड़क पर ही भंडारण के वजह से आए दिन सड़क जाम की स्थिति बनी रहती है।
कई बार वहां भंडारण किए गए बालू की वजह से सड़क दुर्घटना की स्थिति आ जाती है। ऐसी स्थिति में जेएनएसी को वहां पड़े निर्माण सामग्रियों को जप्त करना चाहिए।
ऐसा तभी हो पाएगा जब जेएनएसी मैनेज नहीं होगा। ऐसी स्थिति में निर्माण सामग्रियों को जप्त करने के साथ-साथ जुर्माना वसुलने का भी प्रावधान है ।
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 383 के अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर कोई भी सार्वजनिक सड़क में रुकावट खड़ा करेगा तब वह इस धारा के अंतर्गत दोषी होगा। हालांकि यह धारा प्राइवेट रास्ते और आपसी सहमति से खेत में बनाए गए रास्ते पर लागू नहीं होता है। यह अपराध जमानतीय होता है, परंतु जुर्माना लगाया जाता है ।
उपायुक्त महोदय को जेएनएसी प्रांगण में वहां के कर्मचारियों के लिए एक निशुल्क नेत्र जाँच शिविर का आयोजन करना चाहिए ताकि उनकी आंखों की पूर्ण रूप से जांच हो सके।
