जमशेदपुर शहर का प्रदूषण स्तर AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 250 के पार जो की खतरनाक है।
टाटा पावर से निकलने वाली राख को खुले में डंप किया गया। यह राख प्रदूषण के लिए कितना जिम्मेदार…?
जोजोबेड़ा जेम्को स्थित टाटा पावर से अपशिष्ट के रूप में निकलने वाली राख को खुले में डंप किया जा रहा है। इस अपशिष्ट को डंप करने के लिए यहां के एक बड़े भूभाग में 𝘼𝘾𝙀 𝙋𝙊𝙉𝘿 का निर्माण किया गया है, और इसी जगह पर टाटा पावर से निकलने वाली राख यानी कि 𝘼𝘾𝙀 को डंप किया जा रहा है।
वह भी खुले में और प्रदूषण विभाग, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति, जिला प्रशासन और शहर के बड़े अखबारों की चुप्पी का कारण अज्ञात है।
झारखंड के शहरों की वायु गुणवत्ता सूचकांक एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार रांची, जमशेदपुर और धनबाद के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है। दूषित हवा के मामले में जमशेदपुर टॉप पोजीशन पर बना हुआ है ।
जमशेदपुर का 𝘼𝙌𝙄 250 के पार है ,शायद झारखंड का सबसे प्रदूषित शहर ।
लोगों को बाहर निकलने पर मास्क का प्रयोग करने और सावधानी बरतनी की सलाह दी गई है। पिछले 48 घंटे में जमशेदपुर का प्रदूषण स्तर सर्वोच्च रहा है। शहर के लोगों को अपने घरों की खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखने की सलाह दी गई है। विकल्प के तौर पर घरों में एयर प्यूरीफायर लगाने की सलाह दी गई है। प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार जमशेदपुर शहर का प्रदूषण स्तर खतरनाक हो चुका है।
हर व्यक्ति साढे तीन सिगरेट पीने के बराबर धुंआ अपने सांस में ले रहा है। सांस संबंधित मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होने का अनुमान है ।
अगर स्थिति ऐसी ही रही तो जमशेदपुर प्रदूषण के मामले में राजधानी दिल्ली को भी पीछे छोड़ सकता है।
वातावरण को प्रदूषित करने वाले प्रदूषण में राख दूसरे नंबर पर आता है। राख में अक्सर हानिकारक कण पदार्थ होते हैं, साथ ही भारी धातुएं भी होती हैं।
राख के कई प्रभाव हो सकते हैं। यह जहां भी गिरती है वहां जलमार्गों पर मिट्टी में मिल सकती है। इस वजह से मिट्टी कृषि उद्देश्यों के लिए अनुपयोगी हो सकती है।
इस वजह से पानी पीने योग्य भी नहीं रह जाता । राख और उसमें मौजूद कण धुंध का भी एक प्रमुख कारण है।
राख में 𝙋𝙈 2.5 नामक पाया जाने वाला कण मनुष्यों के लिए खतरनाक होते हैं। क्योंकि यह इतने छोटे होते हैं कि फेफड़ों में प्रवेश कर श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
इस राख के पानी में मिलने पर इस राख में पाए जाने वाले धातु पानी में घुल जाते हैं।
जैसे कि बोरान, आर्सेनिक और पारा। कुछ हद तक संभावना इन राखों में रेडियोधर्मी न्यूक्लाइड होने के भी हो सकते हैं।
