किराएदार बनकर घर में घुसे मनीषा और महेश सोंथालिया अपने भाई सुरेश सोंथालीया के प्रभाव का इस्तेमाल कर 20 करोड़ की संपत्ति को हड़पना चाहते हैं सोंथलीया परिवार…

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— उच्च न्यायालय की आदेश के बावजूद बिल्डिंग नहीं कर रहे खाली —-बिष्टुपुर पी रोड स्थित मकान संख्या 13,जो की 𝙏𝙝𝙚 𝙏𝙞𝙨𝙘𝙤 𝙁𝙧𝙞𝙚𝙣𝙙𝙨 𝘾𝙤-𝙤𝙥- 𝘾𝙧𝙚𝙙𝙞𝙩 𝙎𝙤𝙘𝙞𝙚𝙩𝙮 के नाम से आवंटित है और यह सोसाइटी, सोसाइटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है जिसका रजिस्ट्रेशन संख्या 38 सी है और निबंधन की तिथि 16.12.1922 है |सोसाइटी को आवंटित इस बिल्डिंग में चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष सुरेश सोंथालीया के भाई की पत्नी मनीषा सोंथालिया के नाम से सोसाइटी में एक किराए की जगह देते हुए कुल 450 वर्ग फीट की जगह किराए पर दी, परंतु अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए और रसुख का भी इस्तेमाल करते हुए सुरेश सोंथलीया इस पूरे बिल्डिंग पर ही कब्जा करना चाहते हैं और सोंथलीया परिवार के इस कुकृत्य में शहर की राजनीति के कुछ बड़े चेहरे भी इनका साथ दे रहे हैं| माननीय उच्च न्यायालय ने 14.9.2023 को मनीषा संथालिया के खिलाफ अपना निर्णय दिया एवं उसके बाद भी सोंथलीया परिवार चेंबर ऑफ कॉमर्स जमशेदपुर और अपने राजनीतिक संपर्कों का दुरुपयोग करते हुए उस पूरी बिल्डिंग को ही हड़पना चाहते हैं |और तो और सीनाजोरी की मिसाल पेश करते हुए उस बिल्डिंग के सामने अवैध रूप से लोहे की सीढ़ी को बनवा रखा है जिससे आने-जाने वालों के साथ कभी भी कोई बड़ी अप्रिय दुर्घटना घट सकती है| ज्ञात हो कि इसी अतिक्रमण को हटाने के लिए जेएनएसी कई बार सोंथलीया परिवार को नोटिस भेज चुका है परंतु रसूख के अहंकार में चूर सोंथलीया परिवार के लिए कोई भी नियम कानून मायने नहीं रखता है| ज्ञात हो कि कुछ दिनों पूर्व जीएनएसी के सिटी मैनेजर रवि भारती एक टीम को लेकर सोंथलीयाथलीय परिवार द्वारा सड़क पर ही गाड़ी गई लोहे की सीढ़ी को हटाने के लिए पहुंचे थे जहां महेश सोंथलीया ने अपने आदमियों के साथ इसका घोर विरोध किया जिसके बाद रवि भारती के नेतृत्व में लाठी चार्ज करना पड़ा| चेंबर ऑफ कॉमर्स जमशेदपुर के दबाव में सांसद विधुत महतो का समर्थन और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय का सोंथलीया के हैवेल्स के ऑफिस में जाकर मलिक की कुर्सी पर बैठना जेएनएसी के मोरल को तोड़ने वाला रहा | सोंथलीया परिवार जिस बिरादरी से आते हैं उस बिरादरी का पूरी तरह चेंबर ऑफ कॉमर्स पर कब्जा है और साथ ही साथ चेंबर का राजनीतिक रसूख भी है| इन्हीं कारणों से विवाद का मूल मुद्दा ही गौण हो गया और सोंथलीया परिवार द्वारा गाड़े गए लोहे की अवैध सीधी को जेएनएसी द्वारा हटाने के बावजूद उसे दोबारा ठीक उसी जगह लगा दिया गया | यह हरकत कहीं ना कहीं प्रशासन के मनोबल को तोड़ने वाला है| ‌‌
मुख्य बातें —

  1. 1. इस पूरे मामले में मंत्री बन्ना गुप्ता का सोंथलीया परिवार को पूरा समर्थन, तो क्या मंत्री जी अतिक्रमण का समर्थन करते हैं? यदि ऐसा है तो मानगो डिमना रोड के सैकड़ो गरीब दुकानदारों को हटाकर उनकी आजीविका को नष्ट कर दिया गया तब मंत्री जी कहां थे?
    2.सांसद विद्युत वरण महतो से एक सवाल — कहीं आपका समर्थन व्यापारी वर्ग से मिलने वाले चंदा की वजह तो नहीं?
  2. 3. सरयू राय जी से एक सवाल कि आप माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के साथ हैं या वोट के लालच में सोंथलीया परिवार और चेंबर ऑफ कॉमर्स के साथ ?
  3. इस बिल्डिंग का इलेक्ट्रिक कनेक्शन टाटा स्टील का इलेक्ट्रिक डिपार्टमेंट सालों पहले डिस्कनेक्ट कर चुका है तो फिर सोंथलीया परिवार के हैवेल्स शोरूम में बिजली का उपयोग कहां से किया जा रहा है? और क्या इस मिली भगत में टाटा स्टील के अधिकारी भी शामिल है? इसकी गहन जांच की आवश्यकता है |बिल्डिंग के तीसरे तल्ले पर पानी चढ़ाने के लिए पानी का 1000 लीटर का टंकी लगाया गया है और उसी से पानी का उपयोग किया जा रहा है सवाल यह है कि अगर बिल्डिंग में बिजली का कनेक्शन ही नहीं है तो तीसरे तल्ले में स्थापित पानी की टंकी में पानी कैसे जा रहा है?

क्रमशः——–

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