सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत पर बाहर आए फर्जी संत आसाराम कर रहा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन…..

1 min read

बलात्कार जैसे वीभत्सतम अपराध के दो मामलों में उम्रकैद की सजा प्राप्त फर्जी संत आसाराम इन दिनों इलाज के नाम पर सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर है। सुप्रीम कोर्ट ने उसे 7 जनवरी को 31 मार्च तक के लिए इस शर्त पर अंतरिम जमानत दी है कि वह जमानत पर जेल से बाहर रहते हुए न तो अपने समर्थकों से मिल सकेगा और न ही प्रवचन दे सकेगा। लेकिन जमानत की इन शर्तों को यानी सुप्रीम कोर्ट को ठेंगा दिखाते हुए आसाराम अपने समर्थकों से भी मिल रहा है और प्रवचन भी दे रहा है।

इस समय पिछले छह दिनों से वह इंदौर स्थित अपने आश्रम यानी अड्डे पर है, जहां से उसे 1 सितंबर 2013 को राजस्थान की पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया था। इस समय इंदौर में रहते हुए आसाराम अपने अड्डे पर रोजाना बड़ी संख्या में अपने समर्थकों से मिल रहा है और प्रवचन भी दे रहा है। यह सब पुलिस प्रशासन की देखरेख में हो रहा है। जाहिर है कि मध्य प्रदेश के पुलिस प्रशासन के लिए भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कोई मतलब नहीं है।

इंदौर में आसाराम के भक्तों में कई नेता, कारोबारी, अखबार मालिक, वरिष्ठ पत्रकार, वकील, प्रोफेसर आदि भी रहे हैं। बहरहाल आसाराम का इंदौर आने का मकसद अपने समर्थकों से मिलना और प्रवचन करना ही नहीं है। दरअसल आसाराम ने अपने ‘अच्छे दिनों’ के दौरान अपना काफी सारा पैसा इंदौर में अपने कुछ भक्त कारोबारियों और नेताओं के पास निवेश कर रखा था, सो आसाराम का इंदौर आने का मूल मकसद उस पैसे की खैरखबर लेना या वसूली करना है। लेकिन उनका यह मकसद शायद अब पूरा नहीं होना है, क्योंकि जिन लोगों के पास पैसा निवेश किया गया है, वे आसाराम से भी ‘ऊंचे दर्जे’ के हैं।

खैर, भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां के संस्कार और संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम की है 😛। जिसका पैसा है, और जो उस पैसे से ऐश कर रहे हैं, वे सब एक ही परिवार के हैं। तो पारिवारिक मामले की ज्यादा चर्चा क्यों करना🤣? लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सरेआम धज्जियां उड़ना भले ही सुप्रीम कोर्ट के लिए चिंताजनक हो न हो, समाज के सभ्य तबके के लिए तो इस पर चिंतित होना लाजिमी है।

You May Also Like

More From Author