सामाजिक ढांचा दिन प्रतिदिन कमजोर होता जा रहा है और कुछ लालची और स्वार्थी लोगों की वजह से पारिवारिक मुल्य बिखरने के कगार पर हैं| काशीडीह लाइन नंबर 13 निवासी कुंवर सिंह ने अपने 2015 में अपने बेटों और बहुओं के खिलाफ अपनी कैंसर पीड़ित पत्नी के साथ मारपीट और प्रताड़ना का मामला साकची थाना में दर्ज करवाया था, जो कि आज न्यायालय में विचाराधीन है|
कुंवर सिंह ने अपने बडे़ और मझले बेटों और बहुओं के खिलाफ अपनी कैंसर पीड़ित पत्नी के साथ मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना के विरोध में और स्वयं की सुरक्षा की गुहार के साथ प्राथमिकी दर्ज करवाई|
इन सारी घटनाओं का मास्टरमाइंड मझले बेटे अशोक सिंह और बहु रेखा को ठहराते हुए न्याय की गुहार लगाई| अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद भी इन लोगों ने कुंवर सिंह को चैन से रहने नहीं दिया और और अब अशोक सिंह अपनी पत्नी रेखा के साथ प्रायः कुंवर सिंह के साथ अमानवीय व्यवहार करते हैं जिसकी लिखित शिकायत इन्होंने वरीय आरक्षी अधीक्षक, उपायुक्त महोदया सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारीयों को की|
अशोक सिंह शुरू से बेरोजगार रहे हैं और खुद घर में रहकर अपनी पत्नी रेखा से नौकरी करवाते हैं और कहावत है खाली दिमाग शैतान का घर…
कहीं ऐसा नहीं हो कि ये दोनों पति पत्नी मिलकर कभी खुनी षडयंत्र रच अपने वृद्ध पिता की हत्या कर दें या करवा दें|

