𝙅𝙉𝘼𝘾 द्वारा संचालित पार्किंग टेंडर पिछले दस महीनों से बंद,
डिपार्टमेंटल पार्किंग के नाम पर इन दस महीनों में करोड़ों रुपये का सरकारी राजस्व का नुकसान का अनुमान है| सुत्रों ने बताया कि इन दस महीनों के डिपार्टमेंटल पार्किंग के नाम पर प्रतिदिन 24000/ रुपये औसतन संग्रह हो पाया है और यह रकम इन दस महीनों में लगभग 7200000/ (बहत्तर लाख) रुपए के आसपास होता है|
परंतु केवल साकची बसंत टाकीज के सामने स्थित पार्किंग की जगह से ही इन दस महीनों में “शैल कंस्ट्रक्शन” कंपनी के ठेकेदार आशुतोष सिंह और उनके गुर्गो द्वारा सुबह सुबह सब्जी बेचने वालों गरीब दुकानदारों से पार्किंग चार्ज के रूप में रंगदारी स्वरूप प्रतिदिन के लगभग 40000/ रुपये और इन दस महीनों में ये पाप की कमाई ही लगभग एक करोड़ बीस लाख रुपये के आसपास होता है|
30 अप्रैल 2023 को ठेकेदारो को अक्षेस की ओर से दिया गया पार्किंग टेंडर की अवधि खत्म हो चुकी है| अक्षेस की बड़ी विफलता या कुछ और कि इन दस महीनों में अक्षेस टेंडर नहीं करा पाया और डिपार्टमेंटल टेंडर के रूप में उन्हीं पुराने ठेकेदारो को और उनके गुर्गो को पार्किंग का पैसा वसुलने का काम दे दिया गया|
इन दस महीनों में पार्किंग के रूप में और अवैध वसूली के रूप में ठेकेदारो ने पांच करोड़ से ज्यादा की वसुली की परंतु अक्षेस को सरकारी राजस्व के रूप में लगभग बहत्तर लाख रुपये ही मिले|
बाकी के लगभग सवा चार करोड़ रुपये का हिसाब किसके पास है ये अक्षेस के अधिकारी ही बेहतर ढंग से बता सकते हैं|
इस कथित घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है ताकि सच्चाई सामने आ सके|

