“समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड” के निदेशकों के बीच विवाद के जड़ में क्या..?
𝙉𝘾𝙇𝙏 के आदेश के बाद भी निदेशक के पद से राजेश सिंह और भारती सिंह को हटाने के पीछे कहीं 200 करोड़(लगभग) की नेटवर्थ वाली कंपनी को बाकी के छह निदेशक हड़पना तो नहीं चाहते..?
जमशेदपुर की प्रतिष्ठित भवन निर्माता कंपनी “समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड” को 2003 में मिनिस्ट्री आफ कॉरपोरेट अफेयर्स में पंजीकृत कराया गया था। इस कंपनी में कुल चार पार्टनरों ने मिलकर आपस में इकरारनामे के तहत प्रत्येक को 25% की हिस्सेदारी दी गई।
कालांतर में इस कंपनी ने सफलता के कई आयामों को हासिल किया और उपभोक्ताओं का विश्वास जीतने में अव्वल रही, परंतु सफलता के साथ साझेदारी में मनमुटाव और बेईमानी के परस्पर आरोप प्रत्यारोप हर जगह देखने को मिलते हैं।
समय के साथ इस कंपनी की ऊंची उड़ान को भी शायद किसी की नजर लग गई और यह कंपनी भी विवादों और आपसी मनमुटाव का शिकार हो गई।
सूत्रों ने बताया कि इस कंपनी का नेटवर्थ लगभग 200 करोड़ के आसपास है। इस कंपनी में चारों पार्टनर राजेश सिंह, अनूप रंजन, राम प्रकाश पांडे और राजीव कुमार को 20% प्रत्येक की हिस्सेदारी है और इन चारों की पत्नियों की 5% प्रत्येक की हिस्सेदारी है। तकनीकी रूप से चारों साझेदारों के पास 25% प्रत्येक के पास हिस्सेदारी है।
इन चारों निर्देशकों के बीच चल रही खींचतान की जड़ में 3 मार्च 2025 को जमशेदपुर शहर के लगभग सभी समाचार पत्रों में छपा एक पेड़ विज्ञापन सह सूचना है।
जिसमें इन चारों निर्देशकों में से एक अनूप रंजन के हवाले से निदेशक राजेश सिंह और भारती सिंह को “समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड” के निदेशक पद से हटाने की सूचना दी गई है।
इस घटना से आहत राजेश सिंह और भारती सिंह एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर अनूप रंजन सहित बाकी के निदेशकों पर जोरदार हमला बोला। राजेश सिंह और भारती सिंह ने इस कदम को एनसीएलटी कोर्ट के आदेश का उल्लंघन और गैरकानूनी बताया।
उन्होंने कहा कि कंपनी में वर्षों से चल रहे करोड़ों की लूट इन छ: निदेशकों के द्वारा की जा रही थी।
10 से ज्यादा बार कंपनी को इस विषय में पत्र लिखने के बाद भी इन लोगों ने हमारी बात को अनसुना कर दिया। इन्होंने यह भी कहा यह लोग हमें कंपनी के निदेशक पद से नहीं हटा सकते, वह आज भी कंपनी के निदेशक हैं।
𝙉𝘾𝙇𝙏 कोर्ट के आदेश के बाद भी अनूप रंजन और बाकी निर्देशकों द्वारा इस तरह का कदम उठाना उनकी गलत मन्शा को दर्शाता है।
राजेश सिंह ने इस हरकत के विरुद्ध 50 करोड रुपए की मानहानि का मुकदमा दर्ज करने के बात भी की और कहा की इस गैर कानूनी कृत्य से उनके मान सम्मान और गरिमा को ठेस पहुंची है।
राजेश सिंह ने निवेशकों को आगाह किया है कि समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में लंबित है। कृपया निवेश करने से पहले अपने विवेक का प्रयोग करते हुए कोई निर्णय लें ताकि इस विषय में किसी भी निवेशक को किसी भी प्रकार की परेशानी या हानि ना हो।
कानूनी लड़ाई जब तक चलती रहेगी तब तक इसका असर कंपनी के प्रोजेक्ट पर भी पड़ सकता है।


