कौन है माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को अपने ठेंगे पर रखकर नियमविरुद्ध कार्य करने वाला बलिया जनपद के मनियर थाना अंतर्गत रामपुर ग्राम सभा का सचिव जय कुमार यादव…?
ग्राम सभा के स्तर पर होने वाली मनमानी और भ्रष्टाचार के बारे में कुछ लिखने और खबर बनाने के पहले कई बार पेशानी पर बल पड़ जाते हैं की सिस्टम में दीमक की तरह घुसकर न्यायिक और सामाजिक व्यवस्था को धीरे-धीरे खोखला करने वाले इन प्राणियों के आचरण में कब बदलाव आएगा।
ताकि ढह रहे सामाजिक मूल्यों को इन जैसे परजीवियों के कहर से बचाया जा सके।
ताजा मामला देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक और कर्तव्यनिष्ठा एवं राजधर्म के मर्यादाओं को पुनर्जीवित करने के प्रयास में सबसे बड़े चेहरे योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश की है।
उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के मनियर थाना अंतर्गत रामपुर ग्राम के सचिव जय कुमार यादव भ्रष्टाचार के नित नए कीर्तिमान गढ़ने में व्यस्त हैं।
बगैर किसी प्रतियोगी परीक्षा के सरकारी सिस्टम में बैक डोर से घुसने वाले कुछ लोगों का मकसद भ्रष्टाचार का अनवरत बीजारोपण कर प्रदूषित इकोसिस्टम का निर्माण करना ही रह गया है। रामपुर ग्राम सभा के अंतर्गत रसूलपुर गांव में दो पक्षों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद स्थानीय बांसडीह तहसील में पिछले 26 वर्षों से जारी है।
निचली अदालत यानी कि बांसडीह तहसील में यह मामला भ्रष्टाचार की अनूठी मिसाल है। बांसडीह तहसील के रवैये से उबकर एक पक्ष ने माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शरण ली।
और उच्च न्यायालय में रिट दाखिल किया। माननीय उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश विक्रम डी चौहान ने एक पक्ष के हक में निर्णय दिया और निचली अदालत को इसका अनुपालन करने को लेकर निर्देश जारी किया।
उस पारित आदेश का विवरण निम्नलिखित है—
Case- WRIT- C No. 37780 of 2024
Folio No. 101674 of 2025
Date of Judgement Order- 05.05.2025
परंतु भ्रष्टाचार की चाशनी में आकंठ डूबे ग्राम सचिव जय कुमार यादव ने दूसरे पक्ष के मन मुताबिक रिपोर्ट तैयार करने में माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए उच्च न्यायालय को जोरदार आंखें तरेरी है।
साथ ही ग्राम सचिव के हैसियत को माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय से कहीं सर्वश्रेष्ठ स्थापित करने का कुत्सित प्रयास किया है।
ग्राम सचिव जयकुमार यादव जिस व्यक्ति का समर्थन करने के लिए माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की तौहीन करने में आमादा हैं ,उसका नाम बलबीर सिंह है।
और यह बलवीर सिंह पुरे बलिया जनपद का जाना माना नाम है जो फर्जी तरीके से दूसरे की जमीन को अपना बता कर हड़पने में माहिर है ।
पूर्व में इसी बलवीर सिंह ने इसी बांसडीह तहसील के रजिस्ट्री ऑफिस में एक मासूम मिश्रा परिवार की जमीन की खरीद बिक्री पौने तीन कट्ठा जमीन के बदले धोखाधड़ी से 23 कट्ठा जमीन की रजिस्ट्री करवा ली थी।
उस वक्त के इस हाई प्रोफाइल केस को मीडिया द्वारा हाईलाइट करने के बाद बलवीर सिंह को बांसडीह कोतवाली में गिरफ्तार कर 10 से ज्यादा दिनों तक रखा गया था।
ऐसा प्रतीत होता है कि ग्राम सचिव जय कुमार यादव बलिया जनपद के बड़े भू- माफिया बलवीर सिंह के साथ उनके सारे धोखाधड़ी के मामलों में वित्तीय साझेदार और सलाहकार की भूमिका में हैं।
सूत्रों ने बताया कि ग्राम सचिव जयकुमार यादव के मोबाइल को जप्त कर उसकी फोरेंसिक जांच अगर होती है तो कई अन्य मामले भी बाहर निकाल कर सामने आ सकते हैं।


