साझेदारी, छल, फरेब, गबन या धोखा…..? समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के विवाद की क्या है सच्चाई…..?

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साझेदारी, छल, फरेब, गबन या धोखा…..? समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के विवाद की क्या है सच्चाई…..?

“समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड” के साझेदारों के बीच का विवाद NCLT कोर्ट में लंबित है। इस मामले को SCPL के चार डायरेक्टर्स में से एक राजेश सिंह ने दायर किया है। राजेश सिंह ने स्पष्ट कहा है कि एनसीएलटी कोर्ट का जो भी आदेश आएगा वह उसे मानेंगे।

साझेदार अनूप रंजन ने अपने तरफ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी–

साझेदार अनूप रंजन ने अपने तरफ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी– में भी यह कहा है की चूंकि मामला न्यायालय में लंबित है, तो जो भी फैसला एनसीएलटी कोर्ट का आएगा उसे वह और बाकी पार्टनर भी मानेंगे।
तो फिर बाकी के तीन पार्टनर्स इतनी हड़बड़ी में क्यों थे की राजेश सिंह के बैठने की जगह से टेबल कुर्सी को हटा दिया गया? कार्यालय में काम करने वाले स्टाफ को यह आदेश क्यों दिया गया कि राजेश सिंह और उनके मेहमानों को एंटरटेन नहीं करना है। राजेश सिंह की गैर मौजूदगी में उनके अलमारी के लॉक को क्यों बदला गया?
यह सारी बातें कहीं ना कहीं अनूप रंजन, राम प्रकाश पांडे, राजीव कुमार के ऊपर संदेह पैदा करता है कि जब उनकी आस्था एनसीएलटी कोर्ट और न्यायालय के प्रति है तो फिर ऐसी गतिविधियों को अंजाम देने का मतलब क्या है?

समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के चार डायरेक्टर्स में से एक राजेश सिंह ने साकची थाना में अपने बाकी के तीन डायरेक्टर्स अनूप रंजन, राजीव कुमार और राम प्रकाश पांडे के ऊपर₹200000/- की चोरी का F.I.R. दर्ज करवाया। उसके ठीक बाद अनूप रंजन ने भी साकची थाने में एक F.I.R. राजेश सिंह के खिलाफ दर्ज कराया कि उन्होंने समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय में आकर 3 करोड रुपए की रंगदारी मांगी। अनूप रंजन द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी की संख्या 111/25 है।

समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की साझेदारों के बीच का विवाद NCLT कोर्ट में लंबित है। इस मामले को SCPL के चार डायरेक्टर्स में से एक राजेश सिंह ने दायर किया है। राजेश सिंह ने स्पष्ट कहा है कि एनसीएलटी कोर्ट का जो भी आदेश आएगा वह उसे मानेंगे। साझेदार अनूप रंजन ने अपने तरफ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में भी यह कहा है की चूंकि मामला न्यायालय में लंबित है, तो जो भी फैसला एनसीएलटी कोर्ट का आएगा उसे वह और बाकी पार्टनर भी मानेंगे।

अनूप रंजन को राजेश सिंह के खिलाफ क्यों दर्ज करानी पड़ी प्राथमिकी …?
दरअसल “समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड” के चार पार्टनरों की टीम में बाकी के तीन पार्टनरों ने बहुमत के आधार पर राजेश सिंह को साझेदारी से अलग कर दिया।
इसके बदले राजेश सिंह एनसीएलटी कोर्ट चले गए। कुछ दिन पहले उन्होंने अपनी अलमारी के ताले को बदलने और उसमें रखे ₹200000/- नगद सहित कई गोपनीय दस्तावेज की चोरी होने का आरोप अपने पार्टनरों पर लगाया।
पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने जब जांच शुरू की तो यह तीनों साझेदारों ने अपने आप को असहज अवस्था में पाया और उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा कि वे राजेश सिंह के खिलाफ एक काउंटर F.I.R. करें, ताकि मामला बराबरी पर आ सके।
परिस्थितियां बताती हैं और सूत्रों ने भी हमें यह बताया कि कहीं ना कहीं समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के बाकी तीनों के साझेदार दबाव में हैं और राजेश सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कुछ भी हो, किसी भी कीमत पर वह अपना हक छोड़ेंगे नहीं और अपना हक लेकर रहेंगे।

अनूप रंजन के द्वारा राजेश सिंह के खिलाफ तीन करोड़ रुपए रंगदारी मांगने का आरोप लगाया गया है। वैसे पूरी बिल्डिंग में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है| इन चारों पार्टनरों के मोबाइल का लोकेशन भी पुलिस जांच में अहम भूमिका निभा सकता है।

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अंकित विजय की कलम से….☝️☝️


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