झारखंड सरकार द्वारा जमशेदपुर को तीन फ्लाई ओवर की स्वीकृति देना, यह झारखंड विकास मोर्चा के द्वारा 10 वर्षों तक किए गए आन्दोलन का प्रतिफल है- अभय सिंह…..

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आज के अखबारों में झारखंड सरकार द्वारा जमशेदपुर को फ्लाई ओवर की स्वीकृति को स्वीकार करना यह 10 वर्षों के प्रथम आंदोलन JVM के द्वारा किए जाने का प्रतिफल है।
आज यह सिद्ध हो गया कि जमशेदपुर में 2014 और 2015 को किए गए लगातार आंदोलन के परिणाम का प्रतिफल आज देखने को मिल रहा है।

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के द्वारा जमशेदपुर के सबसे बड़ी जन समस्या ट्रैफिक कंट्रोल को लेकर जिस प्रकार फ्लाई ओवर के लिए स्वीकृति दी गई, यह स्वागत योग्य कदम है। यह जमशेदपुर में किए गए आंदोलन का परिणाम है।

उस समय जेवीएम के कार्यकर्ताओं द्वारा जेल जाना,गिरफ्तारी देना और साथ ही पुलिस के लाठी डंडा को बिना परवाह किए जमशेदपुर की जनता को लगातार जगाना सत्य साबित हो गया कि यह मांग 10 वर्ष पहले सबसे पहले अभय सिंह के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ताओं ने अपनी गिरफ्तारी दी थी।

जमशेदपुर शहर बंद कराया था और जमशेदपुर के कॉर्पोरेट कंपनी से लेकर उस समय की तत्कालीन सरकार को आगाह किया था कि यह मामला गंभीर है, संवेदनशील है, और इससे समझौता नहीं किया जा सकता है।

एक तरफ सड़कों पर जेवीएम के कार्यकर्ता आंदोलन कर रहे थे, दूसरे तरफ अभय सिंह के नेतृत्व में हाईकोर्ट में रीट दायर भी किया गया था और यह स्पष्टीकरण दिया गया था की जमशेदपुर में मात्र 6 वर्ष के अंदर में 1000 से अधिक लोगों की मौत रोड एक्सीडेंट में हो गई।

यह जानकारी जिला प्रशासन के द्वारा आरटीआई के माध्यम से लिया गया था जिसे माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था और यह बताया गया था जो कश्मीर में हुई घटनाओं से बराबर प्रतीत होती हैं।

लौह नगरी जैसे विकसित शहर जिसे पूरे दुनिया के लोग प्रशंसा करते हैं, अच्छे शहरों में गिनते हैं वहां ट्रैफिक व्यवस्था धुलधुसरित हो चुकी है।

ऐसी स्थिति में माननीय उच्च न्यायालय ने इस रीट को संज्ञान में लिया और स्थानीय कॉरपोरेट कंपनी को नोटिस जारी किया गया। स्थानीय कॉरपोरेट कंपनी ने हाईकोर्ट में रिट दायर करके यह बताया कि हम चौड़ीकरण कर करेंगे। उस समय जमशेदपुर के माननीय उपयुक्त श्री अमिताभ कौशल थे।

माननीय उच्च न्यायालय को कार्पोरेट कंपनी ने सड़कों के चौड़ीकरण का आश्वाशन दिया और तब जाकर जितनी भी सड़कें चौड़ी की गई है वह 2015 के वर्ष से टाटा स्टील के द्वारा प्रारंभ की गई थी।

जेवीएम के प्रचंड आंदोलन के कारण जमशेदपुर के तमाम सड़कों को एक्सीडेंट से बचाने के लिए डबल रोड में परिवर्तन किया गया। इसका सारा श्रेय माननीय उच्च न्यायालय को जाता है।

जेवीएम के उस समय के तत्कालीन आंदोलन का ही परिणाम है कि आज जमशेदपुर शहर को ट्रैफिक निजात से बहुत बड़ी राहत मिलने जा रही है, जिसकी प्रति आज भी हमारे पास में है।

आज माननीय हेमंत सोरेन की सरकार ने जमशेदपुर को तीन फ्लाई ओवर देकर यह सिद्ध कर दिया कि बरसों पहले जेवीएम का आंदोलन जमशेदपुर की जनता के हित में था और आज इसका रिजल्ट देखने को मिला है।

इस शहर में सबसे पहले आंदोलन का आगाज झारखंड विकास मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने किया था, जिसमें 467 से अधिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भी हुई थी। पुलिस की दबिश भी हुई थी।

पुलिस प्रताड़ना भी की गई थी। लोगों को घर से उठा-उठा कर के बंद किया गया था। झारखंड विकास मोर्चा ने तत्कालीन उपायुक्त कार्यालय की तालाबंदी भी की थी। इसमें सैकड़ो पुलिस कर्मियों ने इस आंदोलन को विफल करने की कोशिश भी की थी, लेकिन जेवीएम के कार्यकर्ताओं ने ताला बंद करके पुलिस के मंसूबों पर पानी फेर दिए था।

उस समय का आंदोलन जनता के हित में था और यह सिद्ध हो गया था कि जनता के नागरिक अधिकारों से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

समय-समय पर मशाल जुलूस निकाला और फिर अंत में 20 सितंबर 2014 को ऐतिहासिक जमशेदपुर बंद हुआ। उस समय 1200 टेंपो नहीं चली,तत्कालीन टेंपो चालक संघ के महामंत्री श्री श्याम किंकर झा ने कहा था।

लंबी दूरी 100 से अधिक बसे नहीं चली थी। 120 से अधिक मिनी बसे नहीं चली थी। बंद ऐतिहासिक था। तब जाकर के सरकार और तत्कालीन कॉरपोरेट कंपनी, जिला प्रशासन के कान खड़े हुए और उसके बाद सड़कों का चौड़ीकरण किया जाने लगा। आज मैं जमशेदपुर की जनता को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं कि उस समय जमशेदपुर की जनता का इस संवेदनशील मुद्दे पर बहुत साथ मिला था।

जमशेदपुर की जनता को धन्यवाद देना चाहता हूं आप लोगों ने अभय सिंह के नेतृत्व के आंदोलन को समर्थन किया था और हम इसका आभार व्यक्त करते हैं।

जिस दिन तीनों फ्लाई ओवर बनकर के तैयार होगा, जमशेदपुर की जनता को एक बहुत बड़ा तोहफा मिलेगा ऐसा विश्वास है।

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