अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनकी सही जगह कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो ने दिखाई।
ट्रंप ने कोलंबिया के नागरिकों को जंजीरों में जकड़कर भेजा था, गुस्तावो ने सैन्य विमान वापस भेज दिया।
फिर अपना जहाज भेजकर सम्मान से नागरिकों को वापस लाया।
उन्होंने साफ कहा- ये हमारे नागरिक हैं, क्रिमिनल नहीं…
भारत में जिन जाहिलों ने ट्रंप की जीत के लिए यज्ञ-हवन-पूजन किया था, उनके ही अवैध प्रवासी भाई-बंधुओं को अब हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां पहना कर सेना के मालवाहक जहाज में डाल कर ट्रंप प्रशासन भारत भेज रहा है।
ऐसे कुल 18000 भारतीयों को भारत भेजा जाएगा। अभी पहली खेप रवाना की गई है।
दुसरी ओर भारत डिपोर्ट किए जा रहे “अबकी बार ट्रंप सरकार” का नारा लगाने वालों में इतना भी साहस, आत्मसम्मान नहीं बचा है कि वह अपने लोगों के साथ हो रहे अमेरिकी प्रशासन के इस बर्ताव का विरोध कर सके।
कोई आश्चर्य नहीं कि हर त्रासदी को उत्सव बना देने वाले आपदा में अवसर तलाशते हुए इन अवैध प्रवासियों की स्वदेश वापसी को भी बड़ी उपलब्धि बताते हुए इनके स्वागत में ताली-थाली बजाने और दीये जलाने का आह्वान कर दे! कुछ लोगों को तो इंतज़ार ही रहता है ऐसे आह्वान का।
कोलंबिया के राष्ट्रपति के राष्ट्र स्वाभिमान की कार्यवाही प्रशंसनीय है।


