जमशेदपुर शहर विश्व के कुछ चुनींदा शहरों में अपनी पहचान रखता है और ये पहचान कई महान और सम्मानित लोगों की तपस्या का प्रतिफल है| परंतु इस तपस्या में शायद कुछ कमी रह गई होगी तभी तो इस पावन और औद्योगिक नगरी में संजय सिंह नामक देह व्यापार के सबसे बडे़ दलाल नामक घिनौने जीव का भी जन्म होता है जिसके वजह से इस पावन नगरी की धरती कलंकित होती है और न जाने कितने माँ, बहनों और बेटियों को देह व्यापार के बदबूदार व्यवसाय में धकेलने वाला यह दलाल जब वकालत का चोला पहन लेता है तो अपने इस घिनौने धंधे को किस तरह जायज ठहराने की कोशिश करता है ,उसके इस कुकृत्य को उजागर और विरोध करने वालों को यथासंभव दबाने और कुप्रचार कर अपना रक्षा कवच तैयार करता है और सारे सबूतों के बावजूद, अनगिनत लिखित शिकायतों के बावजूद जिला प्रशासन की इस दलाल के ऊपर मेहरबानी जमशेदपुर जिला प्रशासन की नियत पर शक पैदा करता है|
जिस व्यक्ति की सही जगह जेल की चारदीवारी है वह अधिवक्ता का चोला ओढकर अपने इस स्याह कारोबार को और आगे बढाने में लगा है और बहुत जल्द खुलासा करेंगे कि एक मामुली सा जिस्मफरोशी का दलाल किस तरह प्रशासन को रस्सी बनाकर सत्ता के गलियारे तक अपनी पकड़ बनाने में कामयाब हो गया और उससे भी आश्चर्यजनक बात यह है कि इसके इस पाप के साम्राज्य के भागीदार कुछ पत्रकार जगत के सफेदपोश भी हैं|
𝙏𝙤 𝘽𝙚 𝘾𝙤𝙣𝙩𝙞𝙣𝙪𝙚…..

