𝘼𝙄𝙒𝘾 द्वारा जमशेदपुर शहर में संचालित बारीडीह हाई स्कूल के दसवीं के छात्र तेजबीर सिंह ने घर की दयनीय आर्थिक हालात को खुद पर हावी नहीं होने दिया और फीस नहीं भरने से स्कूल द्वारा ढाई सालों तक स्कूल आने से रोके जाने के बावजूद और अचानक परीक्षा से तीन दिन पहले छात्र के परिजनों को विधालय बुलाकर परीक्षा का एडमिट कार्ड पकडाने के बावजूद जैक बोर्ड द्वारा जारी दसवीं की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होकर व्यवस्था के मुंह पर जोरदार थप्पड़ मारा है| ऐसी हालातों में कोई भी छात्र डिप्रेशन का शिकार हो सकता है, परंतु तेजबीर सिंह एक मिसाल है कि बाधाएं सुरज को चमकने से रोक नहीं सकती|


ज्ञात हो कि इसी स्कूल की एक छात्रा अदिति के गरीब परिजनों द्वारा फीस नहीं भर पाने के कारण अदिति का एक साल स्कूल की तानाशाही के कारण बर्बाद हो गया था, जिसके वजह से अदिति डिप्रेशन में चली गई और उसने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी|
तेजबीर सिंह बारीडीह चौक के पास अपने माता पिता और छोटे भाई के साथ रहता है और तेजबीर सिंह के पिता इंदरजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि ये सब वाहे गुरु जी की मेहर है कि इतनी कठिन आर्थिक हालातों के बाद भी तेजबीर सिंह ने प्रथम श्रेणी में बोर्ड की परीक्षा पास की है| आगे तेजबीर सिंह के पिता ने बताया कि अगर इनके बेटे को स्कूल ने आने से रोका नहीं होता तो हो सकता था कि तेजबीर पूरे जिले का नाम रौशन करता|
इन्दरजीत सिंह भुल्लर ने भावुक होकर कहा कि अपने बच्चे की फीस के लिए उन्होंने डा० अजय से लेकर कुणाल सारंगी, गुरमुख सिंह मुखे, सरदार शैलेंद्र सिंह से लेकर अपने सिख समाज के कई लोगों से मदद की गुहार लगाई पर किसी ने भी मदद का हाथ आगे नहीं बढाय|