जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट पर दावेदारी को लेकर मचा घमासान, चन्द्रगुप्त सिंह लड सकते हैं चुनाव….

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लोकसभा चुनाव 2024 सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है, और झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 आने वाले 4 महीनों के अंदर कभी भी संपन्न हो सकते हैं । बस इसकी आधिकारिक घोषणा का इंतजार है।
जमशेदपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें हैं– जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी,पोटका , बहरागोड़ा, घाटशिला और जुगसलाई।
इन 6 सीटों में तीन सीटें आरक्षित हैं। पोटका ,घाटशिला और जुगसलाई । और तीन सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं– जमशेदपुर पूर्वी ,जमशेदपुर पश्चिमी और बहरागोड़ा।
आज बात करते हैं जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट की– वर्तमान में यहां से झारखंड के पूर्व मंत्री और पूर्व भाजपा नेता सरयू राय विधायक हैं और 2019 के विधानसभा चुनाव में इन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और इस विधानसभा से लगातार पांच बार भाजपा से विधायक रहे और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराया ।
वर्तमान में रघुवर दास उड़ीसा के राज्यपाल हैं परंतु उनकी पकड़ और लोकप्रियता इस क्षेत्र में कायम है। वर्तमान हालात में I. N. D. I. A गठबंधन (जिसमें कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल और आप सहित तमाम दल शामिल हैं) से डॉक्टर अजय ने अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया है। दूसरा छोर वर्तमान विधायक सरयू राय ने थाम रखा है और तीसरा छोर एनडीए गठबंधन (भाजपा और आजसु) सहित के हाथों में है। अभी एनडीए गठबंधन ने अपने उम्मीदवार की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। यह तय है कि गठबंधन की सूरत में यह सीट बीजेपी को ही मिलेगी। ऐसी सूरत में आजसु के केंद्रीय सचिव और जमशेदपुर पूर्वी के कद्दावर व्यक्तित्व चंद्रगुप्त सिंह ने भी चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।
इस बात की आधिकारिक घोषणा चंद्रगुप्त सिंह जल्द ही करने वाले हैं। अगर चंद्रगुप्त सिंह चुनावी दंगल में ताल ठोंकते हैं तो बाकी सभी उम्मीदवारों के पसीने छूट सकते हैं।
समाज में चंद्रगुप्त सिंह की लोकप्रियता और स्वीकार्यता उच्च स्तर पर है और वे वर्तमान विधायक सरयू राय के धुर विरोधी माने जाते हैं। साथ ही साथ वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से उनकी नजदीकी जग जाहिर है। सरयू राय और रघुवर दास गुट के बीच विवाद की मुख्य वजह सूर्य मंदिर पर अपना प्रभुत्व जमाना है और चंद्रगुप्त सिंह वर्तमान में सूर्य मंदिर कमेटी के मुख्य संरक्षक हैं।
ऐसी भी संभावना है कि एनडीए गठबंधन चंद्रगुप्त सिंह को ही अपना प्रत्याशी घोषित कर दे और अगर ऐसा नहीं भी होता है तो चंद्रगुप्त सिंह ने मन बना लिया है की टिकट नहीं मिलने की स्थिति में वे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भी चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। ऐसी स्थिति में जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा का चुनाव बहुत ही रोचक और संघर्ष पूर्ण हो सकता है और क्षेत्र की जनता ने अगर अपना समर्थन दिया तो आगामी चुनाव में चंद्रगुप्त सिंह कोई बड़ा उलटफेर कर सकते हैं।

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