कचरा की राजनीति या राजनीति का कचरा…?

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सांसद मानगो क्षेत्र की समस्या को लेकर “गुमशुदा”…..

पूरा मानगो क्षेत्र कचरा उठाव बाधित होने की वजह से महामारी झेलने की ओर अग्रसर है । पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक की मूंछ की लड़ाई में मानगोवासी असहाय होकर दर्शक बनकर रह गए हैं।
इस समस्या के कारण और समाधान को लेकर दोनों पक्षों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है ।
और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दोनों पक्ष एक दूसरे की टांग खींचने का कोई भी मौका नहीं चूक रहे हैं।
इन दोनों पक्ष के अलावा जमशेदपुर लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार सांसद बने विद्युत वरण महतो मानगो क्षेत्र की इस विकराल समस्या से अंजान बने हुए हैं।
सांसद का यह निर्विकार रवैया क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है । मानगो क्षेत्र की जनता संसद को “लापता” बता रही है ।
इस समस्या का समाधान खोजने में और इसे हल करने में सांसद विद्युत वरण महतो का रवैया उदासीन है।
दरअसल पूर्व मंत्री का निवास कदमा में है । वर्तमान विधायक सरयू राय का निवास बिष्टुपुर में है। और सांसद आदित्यपुर में निवास करते हैं।
इसलिए इन तीनों जनप्रतिनिधियों ने मानगो में कचरा जमाव को राजनीति का प्रयोगशाला बना दिया है। ऐसी स्थिति में मानगो के लोगों का सब्र कभी भी टूट सकता है। और आम जनता सड़क पर उतर सकती है।
कचरा की राजनीति या राजनीति का कचरा? 👇👇
सांसद गुमशुदा या कचरे की दुर्गंध के कारण मानगो से दूर? मानगो का कचरा सिदगोड़ा में डंप करने के लिए वर्तमान विधायक सरयू राय के समर्थक उपायुक्त महोदय से मिले और दूसरी ओर जमशेदपुर पूर्वी से नवनिर्वाचित विधायक पूर्णिमा दास साहू के समर्थक इस विषय के विरोध में उपायुक्त से मिलकर इन मानगो का कचरा सिदगोड़ा में डंम्प करने पर विरोध जताया है।
अगर कचरा जमाव की यही स्थिति रही तो इससे कई तरह की बीमारी जन्म ले सकती है, जिसमें पेट संबंधी बीमारी, जौंडिस , लीवर से जुड़ी बीमारी शामिल है। कचरे से तीन तरह के कैंसर अंतः स्रावी तंत्र में व्यवधान और हार्मोन असंतुलन ,पुरुष प्रजनन संबंधी परेशानी और गर्भवती के गर्भ में पल रहे भ्रूण के विकास में समस्याएं आ सकती है ।
कचरा फैलाने को लेकर भारतीय संविधान में कुछ नियम तय किए गए हैं। इसे अपराध माना गया है। धारा 269,धारा 270 और धारा 277 ऐसी धाराएं हैं जिसके अंतर्गत कचरा फैलाने वाले के ऊपर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। सबसे बड़ी बात यह है कि मोदी सरकार की स्वच्छ भारत मिशन का पोस्टमार्टम केंद्र बनकर रह गया है मानगो।

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