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बिजलीघरों से 270.82 मिलियन टन राख का उत्पादन होता है। केंद्र सरकार का दावा है कि इसमें से 95.95 फीसदी यानी 259.86 मिलियन टन राख का उपयोग हो जाता है।
बरसात आने के पहले राख तालाब भर न जाये इस डर से नियमों को ताक पर रख कर प्लांट प्रबंधन के द्वारा प्लांट से निकलने वाली इस खतरनाक राख को अन्यत्र फेंकने का काम कर रहा है। जब से पावर प्लांट बना है तभी से फ्लाई ऐश के भंडारण और उपयोग के नियमों का उल्लंघन हो रहा है।
क्या है फ्लाई ऐश प्रबंधन से संबंधित पर्यावरण मंजूरी की शर्तें
“(viii) पर्याप्त धूल निष्कर्षण प्रणालियां जैसे कि चक्रवात/बैग फिल्टर और धूल भरे क्षेत्रों जैसे कि कोयले से निपटने और राख से निपटने के बिंदु, स्थानांतरण क्षेत्र और अन्य कमजोर धूल वाले क्षेत्रों में पानी स्प्रे प्रणाली प्रदान की जाएगी।
(x) फ्लाई ऐश को सूखे रूप में एकत्र किया जाएगा और भंडारण सुविधा (साइलो) प्रदान की जाएगी। अप्रयुक्त फ्लाई ऐश को गारे के रूप में राख तालाब में निस्तारित किया जाएगा। मरकरी और अन्य भारी धातुओं (जैसे, एचजी, सीआर, पीबी आदि) की निगरानी नीचे की राख में और साथ ही मौजूदा राख तालाब से निकलने वाले बहिस्राव में भी की जाएगी। निचले इलाके में राख का निस्तारण नहीं किया जाएगा।
(xi) ऐश तालाब को एचडीपी/एलडीपी लाइनिंग या किसी अन्य उपयुक्त अभेद्य मीडिया के साथ इस तरह से पंक्तिबद्ध किया जाएगा कि किसी भी समय कोई रिसाव न हो। ऐश डाइक को टूटने से बचाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय भी लागू किए जाने चाहिए।”
नहीं किया जा रहा पर्यावरण मंजूरी की शर्तों का पालन
पावर प्लांट प्रबंधन के द्वारा पर्यावरण मंजूरी की शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा है, इससे यह लगता है की पावर प्लांट प्रबंधन को किसी प्रकार की कार्रवाई का कोई डर नहीं है। इसलिए पावर प्लांट से निकलने वाली राख को राख तालाब में सूखे रूप में संग्रहित किया जा रहा है। इस राख तालाब में कोई अस्तर नहीं है। बरसात के दिनों में तालाब का पानी नदी में ओवरफ्लो हो जाता है।
चूंकि राख के तालाब में कोई अस्तर नहीं है, इसलिए दूषित पानी के निष्कासन का खतरा अधिक है। इस तरह के राख तालाब के टूटने का डर हमेशा बना रहता है। देश में ऐसे कई मामले हुए है जहां पर बारिश के दिनों में राख तालाब टूटने से तबाही हुई है। राख को खुले में सूखे रूप में संग्रहित किया जाता है जो गर्मी या सर्दी में हवा की गति तेज होने पर राख हवा के साथ उड़ती है और आसपास के गांवों को प्रभावित करती है।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राख को निर्दिष्ट साइलो और तालाबों के अलावा अन्य स्थानों पर संग्रहित किया जा रहा है। यह समुदायों के स्वास्थ्य,पशुओं, फसलों, पानी के स्रोतों के लिए लगातार खतरा पैदा कर रहा है और आगे भी करेगा।

