उपायुक्त महोदय “शैल इंजीनियरिंग” को बसंत टॉकीज के सामने वाली जगह की पार्किंग का ठेका देने में इतनी मेहरबानी क्यों…?
3 करोड़ 12 लाख रुपए सालाना आमदनी वाले पार्किंग को एक करोड़ 10 लाख में दे दिया…. क्यों?
शैल इंजीनियरिंग को साकची बसंत टॉकीज के सामने स्थित पार्किंग का ठेका आगामी वर्ष के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपए में मिल गया है। शैल इंजीनियरिंग के आशुतोष सिंह और राजेश सिंह की सेटिंग गेटिंग इस बार फिर से कमाल कर गई।
3 करोड़ 12 लाख रुपए से ज्यादा की सालाना आमदनी वाली जगह को मात्र एक करोड़ 10 लाख रुपए के मूल्य पर शैल इंजीनियरिंग हासिल करने में कामयाब हो गया है।
चिराग तले अंधेरा वाली कहावत एक बार फिर चरितार्थ हो गई है।
उपायुक्त महोदय के कार्यालय से मात्र 300 मीटर की दूरी पर स्थित यह पार्किंग स्थल सेटिंग गेटिंग का नया रिकार्ड बनाने में फिर से कामयाब हो गया है।
शैल इंजीनियरिंग को 1 करोड़ 10 लाख में मिला बसंत टॉकीज के सामने स्थित पार्किंग की बंदोबस्ती।
50 लाख 35 हजार से बोली शुरू हुई।
अगर अनुमानित रूप में देखें और आंकड़ों पर गौर करें तो ₹50000 रुपये प्रतिदिन गरीब सब्जी वालों से वसूली के हिसाब से साल के लगभग एक करोड़ 82 लख रुपए की वसूली इन गरीब सब्जी वालों से होती है।
स्थाई प्रकृति के दुकानदारों जैसे शाम को मुर्गा बेचने वाला, होटल चलाने वाला, टेंपो का हुड सिलाई करने वाला, सॉफ्ट ड्रिंक का स्टॉल लगाने वाले सहित अन्य दुकानदारों से लगभग 20 लाख रुपए सालाना की अतिरिक्त अवैध उगाही इस जगह से होती है। पार्किंग शुल्क से सालाना लगभग एक करोड़ 10 लाख रुपए के करीब आमदनी होती है ।
इस तरह से कुल मिलाकर देखें तो यह रकम साल में करीब करीब 3 करोड़ 10 लाख रुपए के आसपास होती है।
उपायुक्त महोदय स्वयं जांच कर लें।
बाकी के दो करोड़ रुपये कहाँ जाएगा?
