आज सुबह के चार बजे के करीब नमाज पढने जा रहे न्युज 11 भारत के कैमरामैन अनवर शरीफ को मोटरसाइकिल सवार अज्ञात हमलावरों ने मारपीट कर बुरी तरह घायल कर दिया| शहर में अचानक असामाजिक तत्वों द्वारा जमशेदपुर के पत्रकार जगत के लोगों के उपर हमला बढ़ गया है और पिछले कुछ दिनों में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है|
कछ दिनों पहले दैनिक जागरण पटना संस्करण के P.T.C. विभाग के कर्मचारी प्रेम कुमार की पत्नी के साथ कोवाली थाना के एस.आई. सुरेन्द्र शर्मा की मारपीट की खबर आई| उस मामले में पुलिस ने पीड़िता के भाई को तो जेल भेज दिया पर पुलिसकर्मी के उपर कोई कारवाई नही हुई, जबकि दोनों पक्ष घायल हुए और लिखित शिकायत दोनों पक्षों ने की थी| घटनास्थल प्रेस क्लब आफ जमशेदपुर के कार्यालय से मात्र 15 मीटर की दूरी पर है, परंतु कोई प्रतिक्रिया या विरोध पत्रकार जगत से नहीं हुआ|
तीन महीना पहले सिक्ख पत्रकार इन्दरजीत सिंह भुल्लर के उपर जानलेवा हमला किया गया, जिसका वीडियो भी उपलब्ध था, परंतु जमशेदपुर पत्रकार जगत में सन्नाटा छाया रहा|
आज कैमरामैन अनवर शरीफ के उपर जानलेवा हमला किया गया, और ऐसा प्रतीत होता है कि जमशेदपुर पत्रकार जगत निष्क्रिय और मृतप्राय हो चुका है या फिर प्रेस क्लब के पदों पर आसीन लोग इस इंतजार में हैं कि हमला उनके उपर तो नहीं हुआ है, तो फिर प्रतिक्रिया ना ही दिया जाए, जब हमारे साथ ऐसा कुछ होगा तो देखेंगे|
जमशेदपुर में प्रेस क्लब आफ जमशेदपुर के नाम से दो संगठन हैं और इसके अलावा भी प्रदेश स्तर के तीन या चार संगठन हैं और कुल मिलाकर पत्रकारों की संख्या लगभग 450 के करीब है| दरअसल प्रशासन, राजनीतिज्ञों और पूंजीपतियों के आगे पीछे गणेश परिक्रमा कर ये अपनी उर्जा खो चुके हैं और वर्तमान में शहर के पत्रकारों को एक नया, उर्जावान और पत्रकार हित के लिए लडाई लडने वाला नेतृत्व चाहिए|
सरायकेला खरसावां प्रेस क्लब के अध्यक्ष मनमोहन सिंह ने पत्रकारों के हित के लिए कई बार अपने कुशल नेतृत्व में पत्रकार जगत के लोगों के लिए आवाज बुलंद की है और जमशेदपुर शहर को भी पत्रकारों की आवाज उठाने के लिए ऐसा ही नेतृत्व चाहिए|
पिछले वर्ष बिष्टुपर के एक बडे शो रुम के कर्मचारियों द्वारा प्रतिष्ठित मिडिया के संवाददाता के साथ धक्का मुक्की और दुर्व्यवहार किया गया था और उस वक्त शहर के उपायुक्त सुरज कुमार थे, नियम से पत्रकार एकता का परिचय देते हुए शो रुम के संचालक से माफी मंगवाना चाहिए था, परंतु मामले का लीपापोती कर दिया गया|
शहर के जिस्मफरोशी के सबसे बडे दल्ला अधिवक्ता संजय सिंह जो कि वर्तमान में फर्जी पत्रकार बना बैठा है, उसने अपने पोर्टल न्युज लहर पर पत्रकारों के बारे में लिखा कि पत्रकार जो अपने मीडिया संस्थान का परिचय पत्र जिसे प्रेस आइडेन्टिटी कार्ड भी कहते हैं, उसके बारे में लिखा कि रिबन के साथ वो प्रेस का कार्ड नही बल्कि पहनते हैं बल्कि कुत्तों के गले में पट्टा पहनाया जाता है, वो पहनते हैं| इतनी बड़ी बात जानकर भी प्रेस क्लब के तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आना संदेह को जन्म देता है कि कहीं पत्रकारों के हित के लिए बना प्रेस क्लब आफ जमशेदपुर में कोई जयचंद तो छुपा नही है|
