जेएनसी की नई पार्किंग बंदोबस्ती पर बिफरे पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी, ट्वीट कर डीसी से पूछा इस लूट की छूट क्यों?

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— कुणाल के सवाल- मुख्य सडक पर तीन जगहों पर तीन बार क्यों पार्किंग चार्ज दे जनता जब खुद बिल्डिंग बाॅयलाॅज का पालन न करा सकी जे एन ए सी?


जमशेदपुर। जमशेदपुर नोटिफायड एरिया कमेटी यानि जमशेदपुर अक्षेस की नई पार्किंग बंदोबस्ती का विज्ञापन निकला है जिसको लेकर पूर्व विधायक सह झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कुणाल षाड़ंगी न सिर्फ बिफर पड़े हैं बल्कि उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं.साथ ही पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त से पूछा है कि अक्षेस को इस लूट की छूट क्यों मिली?

क्या है मामला?

दरअसल विज्ञापन के अनुसार नई पार्किंग व्यवस्था के तहत साकची और बिष्टुपुर को 32 पार्किंग जोन में बाटा गया है.हर जोन में दस रूपये पार्किंग लगेगी.मौजूदा व्यवस्था के तहत एक इलाके में एक बार रसीद काटने पर उस दिन उस इलाके के लिए दुबारा चार्ज देने की जरुरत न थी जिससे जनता को राहत थी.नई व्यवस्था के तहत अब साकची, बिष्टुपुर के पार्किंग क्षेत्र कई जोनों में विभक्त हो गए हैं जिससे आम जनता को मुख्य सड़क पर भी तीन जगहों पर जाने पर तीनों जगहों पर बार बार पार्किंग शुल्क लगेगा जिसका कुणाल षाड़ंगी ने विरोध किया है.

कुणाल ने किया ट्वीट

कुणाल षाड़ंगी का ट्वीट इस प्रकार है—
“बस मेरी अपनी समझ के लिए:@jnacjsr के इस विज्ञापन के हिसाब से क्या कमानी सेंटर के पास एक बार फिर नटराज के पास एवं बुलेवर्ड होटल के पास एक एक बार और पार्किंग चार्ज देना होगा?मतलब पहले जहां दस दस रुपये में पूरे बिष्टुपुर और साकची में पार्किंग होती थी अब बत्तीस जोन में इसे बांटकर हर जोन पर दस रुपये के हिसाब से भार डालने की तैयारी है. @DCEastSinghbhum इस लूट की आजादी क्यों?क्या होगा अगर 32 अलग अलग ठेकेदारों को इन 32जोन में पार्किंग का ठेका मिला तो?क्या रेवेन्यू बढाने के लिए लिए गए इस कदम के तहत एक ही पर्ची सभी ठेकेदारों पर लागू होगी?

जे एन ए सी और प्रशासन से सवाल

प्रेस रिलीज जारी करते हुए कुणाल षाड़ंगी ने महत्वपूर्ण सवाल उठाया है.उन्होंने जेएनएसी और प्रशासन से पूछा है कि आम जनता पर भार डालने की बजाए वे ये क्यों नहीं देखते कि कैसे उनकी नाक के नीचे बिल्डिंग बाॅयलाॅज का उल्लंघन करते हुए शहर में इतने भवन बन गए? अगर बायलाॅज के हिसाब से बिष्टुपुर और साकची में होटल और भवन बनते तो बेसमेंट में फ्री पार्किंग होती और सड़कों पर पार्किंग का बोझ और विवाद न होता.जनता की जेब को राहत मिलती.मगर सचाई क्या है?बेसमेंट में व्यवसायिक गतिविधियां कर लोग मालामाल हो रहे हैं और आम जनता पर बोझ डाला जा रहा है.

जमशेदपुर में बिल्डिंग बाॅयलाॅज के उल्लंघन के संबंध में हाई कोर्ट में राकेश झा द्वारा दायर की गई जनहित याचिका 2078/2018 पर सुनवाई चल रही है.कुछ महीना पूर्व हाई कोर्ट के आदेश पर एक टीम जांच के लिए जमशेदपुर आई थी.उस टीम को तब जेएनसी और स्थानीय प्रशासन का सहयोग नहीं मिला था.जानकारी के अनुसार वह टीम दुबारा आएगी.यह प्रकरण दर्शाता है कि सवालों के घेरे में खुद जेएनएसी है और वह जनता पर बोझ डालने की तैयारी में है जिसका पुरजोर विरोध होगा.

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