बर्मामाइंस थाना के थानेदार की यह कैसी थानेदारी की टाटा स्टील के खाली क्वार्टरों को खंडहर बनाने का ठेका दे दिया…..?

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बर्मामाइंस थाना के थानेदार की यह कैसी थानेदारी की टाटा स्टील के खाली क्वार्टरों को खंडहर बनाने का ठेका दे दिया…..?
औद्योगिक नगरी जमशेदपुर का टाटा स्टील ने राज्य सरकार से लीज ले रखा है। सतत विकास की प्रक्रिया में और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में अपना स्थान बनाए रखने हेतु टाटा स्टील को आधुनिकीकरण और विस्तारिकरण का सहारा लेना पड़ा।
इसी क्रम में कुछ वर्षों पहले शहर के साकची स्थित वर्कर्स फ्लैट और सुपरवाइजर फ्लैटों को तोड़कर और पुराने बारी मैदान को अपने बाउंड्री में लेते हुए कई आधुनिक प्लांट्स लगे।
यही नहीं, कुछ साल पहले बर्मामाइंस के भी कई क्वार्टर्स को तोड़कर वहां ढुलाई वाली गाड़ियों का पार्किंग यार्ड बनाया गया।
वर्तमान में बर्मामाइंस एरिया के लगभग सभी क्वार्टरों को टाटा स्टील ने अपने कर्मचारियों से खाली करवा लिया है और उनकी देखरेख का जिम्मा केयर टेकर को दे रखा है।
परंतु सूत्रों ने बताया कि बर्मामाइंस थाना के थानेदार ने अपने संरक्षण में टाटा स्टील की इन खाली क्वार्टर्स को तुड़वाने का काम जारी कर रखा है।
इन क्वार्टर्स को 5 जोन में बांटकर पांच ठेकेदारों को एक-एक जोन के क्वार्टर्स को तोड़ने का जिम्मा दे रखा है।
इसके एवज में पांचो ठेकेदारों से एकमुश्त रकम का भुगतान भी हो चुका है।
यह सभी ठेकेदार इन खाली क्वार्टर्स को ढहा कर उसमें से पुरानी ईटों को बेचने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी रखे हुए हैं।
टाटा स्टील ने इस चोरी की जानकारी कई बार प्रशासन की आला अधिकारियों को दी। सूत्रों ने बताया कि टाटा स्टील के एमडी ने स्वयं फोन कर सिटी एसपी से इस चोरी को रोकने का आग्रह किया।
सिटी एसपी शिवाशीष कुमार स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे और मामले को सही पाए जाने पर थाना प्रभारी की जमकर क्लास ली।
सिटी एसपी द्वारा अपमानजनक शब्दों की वर्षा करने के बाद भी थाना प्रभारी द्वारा चोरी को रोकने की कोई कोशिश नहीं की गई।
इन पांचो ठेकेदारों ने जो कि स्वयं और असामाजिक तत्व हैं और सबसे बड़ी बात की यह सभी बर्मामाइंस थाना में शांति समिति सदस्य भी हैं।
मजदूरों को बगैर किसी सुरक्षा उपकरण के इस चोरी के काम में लगा रखा है, जिसके कारण एक मजदूर की मौत मलबे में दबकर हो चुकी है और एक मजदूर टीएमएच हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत की सांसे गिन रहा है।
प्रति मजदूरों की मजदूरी दो रुपए प्रति ईंटे रखी गई है। एक मजदुर औसतन 1 दिन में 300 के करीब इंटे निकाल कर दे रहा है और ठेकेदार इसे 6 रुपये में बेच रहा है।
इन ईटों को खरीदने शहर के अलग-अलग हिस्सों से लोग पहुंच रहे हैं।
सूत्रों ने बताया की थानेदार साहब गोड्डा के कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव के सगे भाई हैं और शायद इसी कारण पुलिस कप्तान की धौंस का इन पर कोई असर नहीं हो रहा है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि इन पांचो ठेकेदारों में से हर कोई औसतन प्रतिदिन 20000 के लगभग ईंटों को बेच रहा है और इस चोरी में बर्मामाइंस थाना के थानेदार किंग मेकर की भूमिका में हैं।

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