देश की आजादी का दिन मुबारक — रविन्द्र झा

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15 अगस्त 1947 का दिन भारत के इतिहास और हर भारतीय नागरिक के लिए सबसे अहम दिन है। यही वह दिन है जब पहली बार भारत के लोगों ने एक आजाद देश में सांस लेना शुरू किया। आज हमारे देश को अंग्रेजों की 200 सालों की गुलामी से मुक्ति मिले 79 बरस पूरे हो गए हैं। भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस बडे़ धूम-धाम और पूरे उत्साह के साथ मना रहा है। यह ऐतिहासिक दिन है और हमारे देशवासियों के बीच देशप्रेम, समर्पण और एकता का प्रतीक है। सरकार के हर घर तिरंगा अभियान में देश की जनता पूरे जोश के साथ हिस्सा ले रही है। स्वतंत्रता दिवस का दिन देश में राष्ट्रीय अवकाश के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी जाती है जिनके त्याग और बलिदान के चलते भारत तो अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली थी।

भारत को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था। अंग्रेजों के राज में भारत गरीबी और भुखमरी का शिकार हो गया। मुल्क को इस गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने लंबा संघर्ष किया। अपना पूरा जीवन, पूरी जवानी आजादी को पाने में झोंक दी। देश को आजाद कराने में महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, मंगल पाण्डे, ,राजगुरु, सुखदेव, जवाहरलाल नेहरु, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक जैसे कई क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों का अहम योगदान रहा। भारत मां के इन सच्चे सपूतों के लंबे संघर्ष के कारण स्वतंत्रता का सपना साकार हुआ। आज 15 अगस्त, 1947 का जिक्र होते ही गर्व से हर भारतीय का सीना चौड़ा हो उठता है।

अंग्रेजों की 200 सालों की गुलामी के बाद जब हमारा मुल्क आजाद हुआ गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, आर्थिक असमानता, महिलाओं की बदतर स्थिति, अशिक्षा जैसी समस्याओं से घिरा हुआ था। देश में अच्छे शैक्षणिक संस्थान और अस्पताल नहीं थे। शिक्षा और स्वास्थ्य की खराब स्थिति थी। लेकिन करीब 8 दशक की अवधि में भारत जीडीपी के लिहाज से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आज हम देख रहे हैं कि भारत ने न केवल विश्व मंच पर अपना यथोचित स्थान बनाया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में अपनी प्रतिष्ठा को लगातार बढ़ा रहा है। भारत, पूरी दुनिया में, विकास के लक्ष्यों और मानवीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

आजादी मिलने के बाद 79 वर्षों में हमने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। आईआईटी, आईआईएम, एम्स, इसरो, डीआरडीओ, आईसीएमआर जैसे संस्थान नई ऊंचाइयों को छूकर दुनिया भर में अपना डंका जा रहा है। भारत का परमाणु शक्ति संपन्न बनना, चंद्रयान-3 की सफलता और कोविड-19 वैक्सीन बनाना, पोलियो मुक्त होना इसके बड़े प्रमाण हैं। विज्ञान व तकनीक से लेकर आर्थिक, खेल, मनोरंजन, कला संस्कृति हर क्षेत्र में भारत का डंका दुनिया भर में बोल रहा है। हाल में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पूरी दुनिया में अपनी ताकत का लोहा मनवा दिया। देश की सरकार ने न तो समय गंवाया, न ही दुनिया की परवाह की। भारत ने अपनी कड़ी सैन्य कार्रवाई के जरिये भारत ने पाकिस्तान को यह साफ संदेश दे दिया कि अब आतंक का समर्थन करने की बहुत भारी कीमत चुकानी होगी।

समय समय पर आईं केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं से बेटी से लेकर बुढ़ापे तक महिलाएं आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से आत्मनिर्भर और समृद्ध हुई हैं। स्टार्टअप से लेकर खेल-कूद तक, हमारे युवाओं ने उत्कृष्टता के नए आसमानों की उड़ान भरी है।

इन सबके बावजूद अभी भी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। लैंगिक व समाजिक समानता, न्याय सुनिश्चित करने के मामले में एक लंबा रास्ता तय करना है।

आइए, हम सभी अपने संवैधानिक मूल-कर्तव्य को निभाने का संकल्प लें तथा व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर आगे बढ़ने का सतत प्रयास करें ताकि हमारा देश निरंतर उन्नति करते हुए कर्मठता तथा उपलब्धियों की नई ऊंचाइयां हासिल करे।

हमारा संविधान हमारा मार्गदर्शक दस्तावेज है। संविधान की प्रस्तावना में हमारे स्वाधीनता संग्राम के आदर्श समाहित हैं। आइए, हम अपने राष्ट्र निर्माताओं के सपनों को साकार करने के लिए सद्भाव और भाई-चारे की भावना के साथ आगे बढ़ें। इस दिन सभी को राष्ट्र निर्माण, देश के विकास व रक्षा का संकल्प लेना चाहिए। साथियों स्वतंत्रता दिवस के दिन तिरंगा हर घर में फहराया जाना चाहिए। यह इस मुल्क की आजादी और रक्षा के लिए शहीद होने वाले वीरों को सच्ची सलामी होगी।

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