जमशेदपुर की लेख‍िका कुमारी छाया की चौथी पुस्‍तक ‘चाय सा हमसफर’ जल्‍द होगी उपलब्‍ध…

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जमशेदपुर में पली-बढी कुमारी छाया पठन-पाठन के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। लेखिका कुमारी छाया की पुस्तक ‘चाय सा हमसफर’ जल्द ही उपलब्ध होगी। उनकी यह चौथी पुस्तक है जो सिर्फ चाय को समर्पित है। उन्हें चाय पर लिखना बहुत पसंद है। इसके पहले उनकी पहली पुस्तक “एक प्याली चाय “(2021) में आई जिसमें चाय के साथ प्रकृति पर भी कविताएं हैं। दूसरी पुस्तक “मेरी उम्मीद की ओर” ( 2022 ) में आई। तीसरी पुस्तक ‘जिन्दगी अभी बाकी है… ” (2023) में आई जो कि उन्होंने कैंसर पर लिखी है। लेखिका खुद भी कैंसर से लगातार लगभग तीन सालों से लड़ रही हैं। इसी क्रम में अब उनकी चौथी पुस्तक “चाय सा हमसफ़र” पाठकों को जल्द ही उपलब्ध होगी। उनकी लेखनी कैंसर से उनकी जंग में उनका पूरा सहयोग कर रही है। विज्ञान विषय में पढ़ाई के बावजूद कुमारी छाया का प्रिय विषय हिंदी रहा है। उन्हें कविताएं एवं कहानियां लिखने में ज्यादा रुचि है। वह जीवन के प्रति सकारात्मक सोच रखती हैं। प्रकृति से विशेष प्रेम रखती हैं। इस विषय पर उन्होंने कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडॉउन के दौरान एक कविता संग्रह लिख डाली। पुस्तक का शीर्षक एक प्याली चाय है जिसे 3 सितंबर 2021 को छत्तीसगढ़ के ऑथर्स ट्री पब्लिकेशन के द्वारा प्रकाशित किया गया था। पुस्तक एक प्याली चाय के प्रकाशन होने के अगले दिन ही इस पुस्तक को अमेजॉन पर बेस्ट सेलिंग रैंकिंग का टैग लग गया था। लेख‍िका बताती हैं कि मैं प्रकृति में उपस्थित सभी चीजों से प्रेरणा लेती हूं। इस तरह मैं स्वयं को भी खुश रख पाती हूं। लेखन मेरे लिए एक औषधि के समान है। इससे मैं जीवन को और भी खूबसूरती से देख पाती हूं। इसलिए हमें जीवन में घटित हर घटना से प्रेरणा लेनी चाहिए और जीवन में मिले अनुभव से सीख भी लेनी चाहिए। साथ ही जीवन को एक सुंदर रूप देने का प्रयास भी करना चाहिए।

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