करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बिनय सिंह की मौत हत्या है या आत्महत्या…..?

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करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बिनय सिंह की मौत हत्या है या आत्महत्या…..?

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बिनय सिंह के मौत की एक रहस्यमय पहली की तरह उलझी नजर आ रही है।
मौत के 15 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं। अपने सारे संसाधनों को झोंकने के बाद भी पुलिसिया जांच किसी निष्कर्ष पर पहुँच नहीं पाई है।
सुचना है कि पुलिस ने सुचना तंत्र के अपने सारे घोड़ों को दौड़ा रखा है।
यही नहीं घाघीडीह जेल में बंद कुख्यात अपराधियों से भी और जेल के बाहर के गैंगस्टरों से भी‌ संपर्क किया गया है।
गैंगस्टर गणेश सिंह खुद करणी सेना के झारखंड प्रदेश युवा करणी सेना के संयोजक हैं, अपने तमाम प्रयासों के बावजूद घटना की कड़ी को जोड़ने में सफल नहीं हो पा रहे हैं।
घटनास्थल पर बिनय सिंह के मृत शरीर पर चोटों के निशान नही पाए गए हैं। साथ ही यह खबर भी फैली की बिनय सिंह को हत्यारों ने गोली मारने से पहले बुरी तरह मारा जिससे बिनय सिंह की कमर की हड्डी और दोनों पैरों की टुट गई थी।
परन्तु पुलिस जांच में ये खबर भी कोरी अफवाह निकली।

दरअसल घटना स्थल पर मिले बिनय सिंह के मृत शरीर पर कपडों के अलावा उनके पैरों में एकदम व्यवस्थित तरीके से पहने हुए जुते भी मिले हैं जो की बगैर फीते वाला जुता था। अगर मृत्यु पूर्व संघर्ष हुआ होता तो जूते पैरों से जरूर अलग होते।
बिनय सिंह के चारों बैंक खातों की जांच करने पर पुलिस ने पाया कि किसी भी अकाउंट में पैसे नहीं थे। साथ ही यह सुचना भी सामने निकलकर आई की बिनय सिंह के ऊपर एक से दो करोड़ रुपये के आसपास कर्ज भी था।
घटनास्थल पर बिनय सिंह की डेडबॉडी के पास उनकी स्कूटी भी मिली है जिसकी तलाशी लेने पर गाड़ी के डिक्की में बिनय सिंह की जन्म कुण्डली मिली है। शायद वो किसी ज्योतिषी के संपर्क में भी थे।
मृतक बिनय सिंह के बेटे ने लेखक को बताया कि घटना वाले दिन बिनय सिंह सुबह 10 बजे के करीब घर में सर पकड़ कर बैठे हुए थे और तनाव में नजर आ रहे थे।
बिनय सिंह मानगो डिमना रोड के आस्था स्पेस टाऊन के कैंपस में किराए के फ्लैट में रहते थे। डिमना रोड में ही जमशेदपुर टाइल्स के नाम से इनकी दो दुकानें भी हैं और वो दोनों दुकानें भी किराए पर ली हुई है।
सुत्रों ने बताया कि बिनय सिंह पर उनके घरवालों का काफी दवाब थाकी अब किराए में नहीं रहेंगे और हमारा अपना घर होना चाहिए।
बिनय सिंह की मृत्यु के बाद पुलिस को घटनास्थल से मिले बिनय सिंह के मोबाइल की जांच से भी कोई सहायता नहीं मिल पाई है।
22.04.2025 को करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज सिंह शेखावत के नेतृत्व में में बिनय सिंह के शव का दाह संस्कार करने के बाद एसएसपी से मिलने को उमड़े भीड़ का गुस्सा 04.05.2025 के श्रद्धांजलि सभा में शांत नजर आया।
फायरब्रांड राजपूत नेता आनंद मोहन की उपस्थिति में भी वक्ताओं द्वारा ना ही जमशेदपुर पुलिस को कोसा गया और ना ही अपने द्वारा प्रशासन को दिए गए अल्टीमेटम के बारे में कोई बात हुई।
राज सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में इस घटना की जांच CBI Or NIA से कराने की बात को भी नहीं दोहराया और ना ही प्रशासन से स्पष्टीकरण ही मांगा।
शायद बिनय सिंह की मौत का रहस्य करणी सेना के लिए अब रहस्य नहीं रहा।
वैसे पुलिस के आला अधिकारियों का मानना है कि मृत्यु पूर्व संघर्ष का कोई भी प्रमाण नहीं मिला है।
पुलिस का यह भी मानना है की बिनय सिंह के माथे पर फायरिंग “𝙃𝙀𝘼𝘿-𝙎𝙃𝙊𝙏” थी जिसमें फायरिंग के बाद होने वाले रक्तस्राव को “हाइपोबोलेमिक शाक” कहा जाता है। सुत्रों ने यह भी बताया कि बिनय सिंह के हाथों में गन पाउडर के निशान भी मिले हैं।
इस विषय पर विशेषज्ञों से बात करने पर उन्होंने बताया की खुन का धार बनाने के लिए गोली का शरीर के आरपार होना जरूरी है। सामने से खुन की धार नहीं दिखेगी।
ऐसी सुचना है कि बिनय सिंह के शव के दाह संस्कार के दिन झारखंड क्षत्रिय संघ के अध्यक्ष शंभुनाथ सिंह और करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज सिंह शेखावत के बीच किसी बात को लेकर तीखी नोकझोक हुई थी। झारखंड क्षत्रिय संघ की पूरी टीम बिनय सिंह की 04.05.2025 को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में नदारद रही।
बिनय सिंह की मौत की सुचना के बाद आक्रोशित जनसमूह का नेतृत्व करने वाले पप्पू सिंह, उपेन्द्र सिंह मस्तान सहित सैकड़ों चेहरे गायब दिखे।
2019 से 2024 तक जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक रहे और 2024 से जमशेदपुर पश्चिम से जदयू विधायक सरयू राय स्वयं इस श्रद्धांजलि सभा से गायब दिखे। यही नहीं जदयू की पूरी जिला इकाई भी इस श्रद्धांजलि सभा में अनुपस्थित रही।
श्रद्धांजलि सभा में जमशेदपुर के क्षत्रिय समाज के केवल 4 बड़े चेहरे नजर आए—-
1.अभय सिंह 2. चन्द्रगुप्त सिंह 3. शिवशंकर सिंह 4. गणेश सिंह।
वैसे 2024 के विधानसभा चुनाव में सरयू राय को राजपूतों का एकमुश्त वोट मिला था।

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