आज विश्व पत्रकार दिवस है और जमशेदपुर में पत्रकार एवं पत्रकारिता की वर्तमान स्थिति के विषय में पड़ताल करती 𝙎𝙋𝙔 𝙋𝙊𝙎𝙏 की यह रिपोर्ट–
लौहनगरी जमशेदपुर ने अपने उर्वरक और उपजाऊ कोख से एक से बढ़कर एक कलम के जादूगर को जन्म दिया है और कई मूर्धन्य पत्रकारों ने अपनी कलम में स्याही की जगह अपने लहू का उपयोग कर इस औद्योगिक नगरी की पत्रकारिता जगत में ऐसी क्रांति को पैदा किया जिसकी तपिश आज तक महसूस की जाती है।
दुर्भाग्यवश इस विरासत की कमान वर्तमान में ऐसे हाथों में है, जिनके हाथों ने इस शहर की पत्रकारिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए कभी कलम पकड़ा ही नहीं।
वर्तमान में प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर दो गुटों में बंटा हुआ है और इन दोनों गुटों ने प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के नाम से समांतर दो क्लब बना रखें हैं। एक गुट का नेतृत्व प्रभात खबर के वरिष्ठ पत्रकार संजीव भारद्वाज के हाथों में है और दूसरे की कमान 𝙎𝘾𝘾𝙉 नामक गैर निबंधित और स्वघोषित मीडिया संस्थान के डायरेक्टर प्रशांत उर्फ पुतुल के हाथों में है। 𝙎𝘾𝘾𝙉 के संस्थापक स्वर्गीय मोहन सिंह की हत्या के बाद इसकी कमान प्रशांत उर्फ पुतुल सिंह के हाथों में आई| (हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि स्वर्गीय मोहन सिंह की पत्नी ने कानूनी रूप से यह जिम्मेदारी पुतुल सिंह को दी है या नहीं) वर्ष 2021 में पत्रकारिता जगत की चकाचौंध से आकर्षित होकर पुतुल सिंह ने अपने कुछ समर्थकों को इकट्ठा कर बगैर किसी भी तरह की नामांकन और चुनावी प्रक्रिया का पालन करते हुए स्वयं को प्रेस क्लब और जमशेदपुर का स्वयंभू अध्यक्ष घोषित कर दिया ।
पुतुल सिंह की यह हरकत शहर के गणमान्य और वरिष्ठ पत्रकारों को रास नहीं आई और उन्होंने अपना एक समानांतर संगठन प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के नाम से बना लिया। यह भी गौर करने वाली बात है कि संजीव भारद्वाज के नेतृत्व वाले इस संगठन में सारे कानूनी चुनावी प्रक्रिया का पालन किया है। 2021 से आज तक यानी कि लगभग चौथे वर्ष आने तक प्रशांत उर्फ पुतुल सिंह इस गुट के अध्यक्ष बने हुए हैं और 2021 में अध्यक्ष बनने से आज तक इस गुट के द्वारा दोबारा कभी चुनाव कराया ही नहीं गया। 𝙎𝘾𝘾𝙉 जो की स्वयं गैर निबंधित मीडिया है, 𝙈𝙖𝙨𝙨 𝘾𝙤𝙢𝙢𝙪𝙣𝙞𝙘𝙖𝙩𝙞𝙤𝙣 के छात्रों को इंटर्नशिप करवाने के नाम पर मुफ्त का श्रम कार्य करवाया जाता है और इस शोषण के खिलाफ जमशेदपुर जिला प्रशासन को कानून सम्मत कार्यवाही करनी चाहिए।
𝙎𝘾𝘾𝙉 का कार्यालय साकची कावेरी रोड, क्वार्टर संख्या L2/1 है,और यह भी अद्भुत बात है कि पुतुल सिंह के द्वारा टाटा स्टील द्वारा कार्यालय चलाने के लिए प्रदत्त इस क्वार्टर के सामने गोपाल डोसा और आनंद डोसा का स्टाल लगवा कर लाखों रुपए प्रतिमाह की कमाई हो रही है, और प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के अध्यक्ष होने का रौब दिखाकर पुतुल सिंह टाटा स्टील और स्थानीय प्रशासन पर झूठा दबाव बनाए हुए हैं। जमशेदपुर के इतिहास में यह इकलौता उदाहरण है जहां टाटा स्टील के क्वार्टर में इडली डोसा का वर्कशॉप चल रहा है और टाटा स्टील का इलेक्ट्रिकल विभाग चावल और दाल की पिसाई हेतु बाकायदा 440 वोल्ट का कनेक्शन भी दे रखा है । इस मामले में टाटा स्टील के लैंड विभाग के अधिकारियों और इलेक्ट्रिकल विभाग के अधिकारियों की मिली भगत साफ नजर आती है, या शायद फिर ऐसा हो कि टाटा स्टील आने वाले समय में इडली दोसा के व्यवसाय में कदम रखे। अगली कड़ी में पुतुल सिंह की अध्यक्षता वाले प्रेस क्लब
और जमशेदपुर द्वारा करवाए गए 3 वर्षों 2022 ,2023 और 2024 की मीडिया कप क्रिकेट का लेखा-जोखा पेश करेंगे–
क्रमशः——–

